पटवारियों ने फूंका पंजाब सरकार का पुतला
द रेवेन्यू पटवार यूनियन के जिला प्रधान कुलवंत सिंह डेयरीवाल के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सोमवार को तहसील परिसर में रोष मार्च निकालते हुए पंजाब सरकार का पुतला फूंका।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: द रेवेन्यू पटवार यूनियन के जिला प्रधान कुलवंत सिंह डेयरीवाल के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सोमवार को तहसील परिसर में रोष मार्च निकालते हुए पंजाब सरकार का पुतला फूंका। पंजाब इकाई के निर्देशों के बाद पटवारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ पहले रोष मार्च निकाला और तहसील परिसर पहुंच कर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। इस अवसर पर तहसील प्रधानों ने पंजाब सरकार की मुलाजिमों के प्रति व्यवहार की आलोचना भी की।
पटवार यूनियन के प्रधान डेयरीवाल के नेतृत्व में जिला भर से पटवारी पटवारखाना में इकट्ठे हुए। डेयरीवाल ने अपने साथियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सरकार की ओर से किसान विरोधी कानून पर भी विचार विमर्श किया। उनकी मांगों में पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही रिक्त पदों को पुरा करना, साल 1996 के बाद सीनियर स्केल खत्म किए जाने, पटवारियों की ट्रेनिग 18 माह को सेवाकाल का हिस्सा बनाना, पटवारियों को टोल टैक्स माफ करना और पटवारी की मौत होने पर उसके पीड़ित परिवार को तुरंत नौकरी देना शामिल है।
जिला प्रधान डेयरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार मुलाजिमों के साथ नाइंसाफी कर रही है। विधायक एक दिन की सरकार में भी शपथ लेकर पेंशन का हकदार बन जाता है, जबकि मुलाजिम अपनी जिदगी के 35 से 40 साल सरकार को देने के बाद भी इसके हकदार नहीं। पंजाब सरकार ने साल 2004 से पंजाब सरकार की सेवा में आने वाले मुलाजिमों के लिए यह सुविधा बंद कर दी है। कई विधायक को आधा दर्जन से भी अधिक पेंशन ले रहे हैं, जो आम जनता पर ही भार है।
वहीं दूसरी तरफ अमृतसर डीसी इंप्लाई यूनियन के जिला प्रधान अरविदर सिंह संधू ने अपनी टीम की ओर से पटवारियों के इस रोष प्रदर्शन को समर्थन देते हुए इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने मुलाजिमों की पहले से मंजूर मांगों को तुरंत प्रभाव से लागू करना चाहिए। इस अवसर पर पटवार यूनियन के महासचिव हरपाल सिंह समरा, जिला खजांची हरजिदर कुमार, चानन सिंह खैहरा, रिपूदमन, रंजीत सिंह सुल्तानविड, रंजीत सिंह मजीठा, जिलविदर सिंह, मजीठा तहसील प्रधान नरिदर शर्मा, अजनाला तहसील प्रधान गुरजंट सिंह, बाबा के प्रधान रछपाल सिंह, डा. जसपाल सिंह, पटवारी इकबाल सिंह गिल और हरीश कुमार भी उपस्थित थे।