शारीरिक विकृति को दर्द दे गई विकृत सरकारी व्यवस्था
अमृतसर शारीरिक विकृति के कारण आम इंसानों से भिन्न हो चुके दिव्यांगजनों को सरकारी सिस्टम से उपेक्षा मिल रही है।
नितिन धीमान, अमृतसर
शारीरिक विकृति के कारण आम इंसानों से भिन्न हो चुके दिव्यांगजनों को सरकारी सिस्टम से उपेक्षा मिल रही है। सरकारी सुविधाएं तो इनके लिए बेतहाशा हैं, पर व्यवस्थागत खामियों के चलते इन्हें नसीब नहीं होतीं। बुधवार को जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल पहुंचे दिव्यांगजनों को ऐसी ही पीड़ा का सामना करना पड़ा। किसी के हाथों में जान नहीं तो कोई चल नहीं सकता। कोई मानसिक रोगी है तो कोई नेत्रहीन। सभी को सरकारी कुव्यवस्था ने रुला दिया।
दरअसल, सिविल अस्पताल में बुधवार के दिन दिव्यांगों के हैंडीकैप सर्टिफिकेट तैयार किए जाते हैं। सरकारी कागज का यह टुकड़ा मिलने पर दिव्यांगों को कई सरकारी एवं गैर सरकारी सुविधाएं मिलती हैं। दूसरी तरफ बुधवार को सिविल अस्पताल में पहुंचे दिव्यांगजनों को उस समय भारी मायूसी हुई जब रिसेप्शन के पास स्थित खिड़की बंद दिखाई दी। असल में इस काउंटर पर बुधवार को कर्मचारी नहीं पहुंचा। जिस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है, वह अवकाश पर चला गया है। ऐसे हालात में सर्टिफिकेट बनाने का क्रम रुक गया है। अस्पताल प्रशासन ने किसी अन्य कर्मचारी को इस सीट पर नहीं बिठाया।
गांव चीचा भकना निवासी स्वर्ण ¨सह की दिमागी हालत ठीक नहीं। स्वर्ण ¨सह के भांजे सुनील ने बताया कि वह तीन महीने से यहां चक्कर लगा रहा है। कभी स्टाफ नहीं मिलता तो कभी कागजी औपचारिकता पूरी करने के लिए इधर से उधर दौड़ाते हैं। आज जब सारी कागजी कार्रवाई पूरी करके आया हूं तो कर्मचारी छुट्टी पर है। आज भी 100 रुपये किराया खर्च कर सिविल अस्पताल पहुंचा हूं।
झब्बाल रोड निवासी 60 वर्षीय सरवन ¨सह एक पैर से दिव्यांग हैं। उन्होंने बताया कि मैं हैंडीकैप सर्टिफिकेट अप्लाई करने आज पहली बार आया हूं। लाठी के सहारे चलता हूं। मैं बार-बार यहां नहीं आ सकता। अस्पताल प्रशासन ऐसी व्यवस्था करे कि यदि कोई कर्मचारी अवकाश पर चला जाए तो उसके स्थान पर दूसरे कर्मचारी तैनात किया जाए। पंजाब सरकार दिव्यांगों को अनेकानेक सुविधाएं प्रदान करने का दावा तो करती है, पर निचले स्तर पर जो कमियां हैं उन्हें दूर नहीं कर रही। इससे लोगों को भारी मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। सिविल अस्पताल में ऐसे आठ दिव्यांगजन पहुंचे जिन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। दिव्यांगजनों को नहीं आएगी परेशानी : डॉ. अरोड़ा
सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. रा¨जदर अरोड़ा का कहना है कि हैंडीकैप सर्टिफिकेट तैयार करने वाली कर्मचारी शीतल बीमार है। वह एकमात्र कर्मचारी है जिसे सर्टिफिकेट तैयार करने की ट्रे¨नग दी गई है। बुधवार को जो दिव्यांग दूरदराज के इलाकों से आए, उन्हें हमने निराश नहीं किया। अगले बुधवार को ऐसी समस्या नहीं आएगी।