सेटेलाइट अस्पताल घनुपुर में गंदगी का आलम
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित एक सरकारी अस्पताल कूड़े के ढेर में तबदील हो रहा है। भाई हिम्मत सिंह यादगारी सेटेलाइट अस्पताल घनुपुर काले की हालत ऐसी है कि यहां इलाज के लिए आने वाले मरीज ठीक होने की बजाय बीमार होकर लौट रहे हैं।
राजिदर सिंह, छेहरटा : स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित एक सरकारी अस्पताल कूड़े के ढेर में तबदील हो रहा है। भाई हिम्मत सिंह यादगारी सेटेलाइट अस्पताल घनुपुर काले की हालत ऐसी है कि यहां इलाज के लिए आने वाले मरीज ठीक होने की बजाय बीमार होकर लौट रहे हैं। बीस साल पुरानी यह इमारत अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। अस्पताल उस जगह पर बना है जहां कभी छप्पड़ होता था।
इस अस्पताल में खंडवाला, छेहरटा, विकास नगर, श्री हरिकृष्ण के लोग उपचार करवाने के लिए आते हैं। अस्पताल के वार्डों में पानी घुस जाता है। दीवारों पर दरारें उभर आई हैं। बाथरूम टूटे हुए हैं। मरीजों के बैठने के लिए बनाई गई सीमेंट के स्लैब भी टूट चुकी हैं। मेडिकल ऑफिसर के कमरे की छत टूट चुकी है। बाथरूमों में गंदगी के अंबार हैं। अस्पताल के बाहर कूड़ा कर्कट जमा है। बाहर आवारा कुत्ते आराम फरमाते हुए देखे जा सकते हैं।
अस्पताल में उपचार करवाने आए हरिकृष्ण नगर निवासी बलबीर सिंह का कहना है कि उन्हें रीढ़ की हड्डी की शिकायत है। बाथरूम में सफाई नाम की कोई चीज नहीं है तथा चारों ओर गंदगी का आलम है। शिव कुमार ने कहा कि अस्पताल के बाहर सुअर घूमते रहते हैं। सरकार ने यह अस्पताल इलाज करवाने के लिए खोला है या फिर मरीजों को बीमार करने के लिए? सरकार या तो इस अस्पताल को बंद कर दे या फिर इसमें सुधार करे।
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अस्पताल को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। जल्द ही सभी खामियां दूर की जाएंगी।
-डॉ. हरदीप सिंह घई, सिविल सर्जन