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करतारपुर लांघे पर पासपोर्ट की शर्त खत्म करने की मांग

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के जनरल इजलास में अलग-अलग पंथक राजनीतिक व सामाजिक प्रस्ताव पास किए गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:31 PM (IST)
करतारपुर लांघे पर पासपोर्ट की शर्त खत्म करने की मांग
करतारपुर लांघे पर पासपोर्ट की शर्त खत्म करने की मांग

जागरण संवाददाता, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के जनरल इजलास में अलग-अलग पंथक, राजनीतिक व सामाजिक प्रस्ताव पास किए गए। प्रस्वातों में 2014 में बनी हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एचएसजीपीसी) को रद करने की केंद्र सरकार से मांग की गई। साथ ही नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भारत सरकार से मांग की गई। पहले चल रहे विश्वविद्यालयों में गुरु साहिब के नाम पर चेयर स्थापित करने की भी मांग की गई। इजलास में श्री करतार पुर साहिब के गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए बनाए गए लांघा, जो कोरोना काल में अस्थाई समय के लिए बंद किया गया था, उसे तुंरत खोले की भी मांग रखी गई। साथ ही मांग की गई कि केंद्र सरकार करतारपुर के दर्शनों के लिए जाने वाली संगत के लिए पासपोर्ट की शर्त को खत्म करे।

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इजलाज में एसजीपीसी की ओर से 100 साल पूरे होने पर इसकी स्थापना से लेकर आज तक योगदान डालने वाले महान व्यक्तियों को सत्कार भेंट किया गया। देश में सिख पहचान के चिन्हों की साजिश के तहत की जा रही बेअदबी की निदा की गई। सिखों की अलग पहचान के ऊपर खडे किए जा रहे सवालों और सिखों के पर हो रहे नस्लीय हमलों की निदा की गई। इंटरनेट मीडिया पर सिख धर्म और गुरु साहिब से संबंधित गलत सामग्री प्रचारित किए जाने का भी विरोध किया गया। सरकार से मांग की गई कि इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। किसान आंदोलन में हठ छोड़े सरकार

प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए आंदोलन को समर्थन दिया गया। केंद्र सरकार को किसानों के प्रति हठ वाला व्यवहार बदलने की अपील करते हुए दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा सरकार की ओर से रोकने व अत्याचार करने पर उसकी निदा की गई। यह प्रस्ताव भी किए गए पारित

-शरारती तत्वों की ओर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की एक साजिश के तहत की जा रही बेअदबी की घटना पर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके लिए बनाए कानूनों में संशोधन करके सजाए सख्त की जाएं।

-देश की अलग-अलग जेलों में बंद सिख कैदी, जिनकी सजाएं पूरी हो चुकी हैं, उन्हें गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर रिहाई को घोषणा की जाए।

-सिख कौम से अपील की गई कि वे सिख बच्चों को पगड़ी के साथ जोड़ें। आनंदपुर साहिब की धरती पर छोटे साहिबजादों की कुर्बानी के संबंध में सिख बच्चों को जागृत किया जाए।

-श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थान गुरुद्वारा हरि की पैड़ी हरिद्वार को असली जगह पर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें इजाजत दें।


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