वामपंथियों के अलग-अलग रास्ते इस बार प्रभावित करेंगे वाम वोट बैंक
माकपा व भाकपा कभी वाम मोर्चा बनाकर चुनावी मैदान में कूदते थे।
पंकज शर्मा, अमृतसर : माकपा व भाकपा कभी वाम मोर्चा बनाकर चुनावी मैदान में कूदते थे। आज हालात यह हो गए हैं कि दोनों पार्टियों ने अलग-अलग रास्ते अपना लिए है। माकपा अपने उम्मीदवार यहां पार्टी के अलाट चुनावी चिन्ह पर मैदान में उतार रही है, वहीं भाकपा ने संयुक्त समाज मोर्चा के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार खड़े करने पर सहमति दी है।
अमृतसर में चार सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाने वाली भाकपा का अभी तक एक सीट पर ही उम्मीदवार खड़े करने का फैसला हुआ है। जबकि बाकी तीन सीटों पर विवाद बना हुआ है। भाकपा की हुई बैठक में अमृतसर वेस्ट, मजीठा, अमृतसर पूर्वी और अटारी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया था। पहले पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवारों को खड़ा करना चाहती थी। बाद में पार्टी के अंदर शक्ति किसान ग्रुप ने संयुक्त समाज मोर्चा के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया।
अमृतसर जिले की 11 विधानसभा सीटों पर वामपंथियों का कृषि मजदूरों और कर्मचारी वर्ग में प्रभाव व वोट बैंक है परंतु भाकपा की ओर से 11 में से चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने को लेकर सहमति बनी थी। पार्टी के अंदर कुछ लोग अपने उम्मीदवार पार्टी के नाम पर खड़े करने के लिए जोर डाल रहे थे। वहीं कुछ सदस्यों ने संयुक्त समाज मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ने के लिए पक्ष रखना शुरू कर दिया। आखिर फैसला संयुक्त समाज मोर्चा के बैनर तले मैदान में उतरने का हो गया। पार्टी की बैठक में चली लंबी बहस के बाद अमृतसर पूर्व, मजीठा और अटारी विधानसभा सीटों पर कोई सहमति उम्मीदवारों पर नहीं बन सकती। सिर्फ अमृतसर वेस्ट विधानसभा सीट पर ही अभी तक सहमति बनी हुई है। पार्टी की हुई बैठक में अमृतसर ग्रामीण और अमृतसर शहरी इकाईयों के सदस्यों ने अमृतसर वेस्ट विधान सभा सीट पर चुनाव लड़ने का स्वीकृति दी है। संभावना है कि इस सीट पर पार्टी की ओर से पार्टी की राज्य कौंसिल के सदस्य अमरजीत सिंह आंसल को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसके लिए पार्टी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाकी तीन सीटों पर अभी कोई भी सहमति न बनने के कारण संयुक्त समाज मोर्चा को भी उम्मीदवार बताने के लिए कहा गया है।
उधर, माकपा ने अमृतसर जिले की बाबा बकाला सीट से गुरदीप सिंह बुताला और राजासांसी सीट से भूपिदर सिंह छीना को अपना उम्मीदवार एलान कर दिया है। इस बार वामपंथियों के अलग-अलग रास्ते वाम वोट बैंक का बड़े स्तर पर हानि पहुंचाने की संभावना बन गई है।