22 दिन पहले उद्घाटन, अब तक एमआरआइ व सीटी स्कैन टेस्ट नहीं हुए
सिविल अस्पताल में तीन जनवरी को शुरू किए गए डायग्नोस्टिक सेंटर में अब तक एक भी सीटी स्केन व एमआरआइ टेस्ट नहीं हो पाया है।
नितिन धीमान, अमृतसर : जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में तीन जनवरी को शुरू किए गए डायग्नोस्टिक सेंटर में अब तक एक भी सीटी स्केन व एमआरआइ टेस्ट नहीं हो पाया है। उद्घाटन के 22 दिन बाद भी मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। वहीं कंपनी की कारगुजारी से सिविल अस्पताल प्रशासन भी खासा परेशान है।
दरअसल, पंजाब सरकार ने मरीजों को सस्ते दाम पर एमआरआइ, सीटी स्कैन सहित सभी लैबोरेट्री टेस्ट करवाने के लिए सिविल अस्पताल में डायग्नोस्टिक सेंटर का निर्माण करवाया था। इसके बाद एक निजी कंपनी कृष्णा डायग्नोस्टिक से अनुबंध किया। सरकार की जमीन और इमारत में कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। इसके बाद बेशकीमती चिकित्सा उपकरण इंस्टाल किए गए। राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले 3 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने डायग्नोस्टिक सेंटर का उद्घाटन कर इसके जनता को समर्पित कर दिया। अफसोसनाक पक्ष यह है कि तब से लेकर आज तक इस सेंटर में सीटी व एमआरआइ टेस्ट नहीं हुए। अस्पताल प्रशासन और मरीजों को कंपनी के कर्मचारी तर्क दे रहे हैं कि अभी मशीनों का ट्रायल व तापमान मेनटेन किया जा रहा है। यदि नियमानुसार इन मशीनों को पूरी तरह संचालित करन के बाद ही इसका शुभारंभ किया जाना चाहिए था। कंपनी ने उद्घाटन करवाने की जल्दबाजी की। 250 प्रकार के टेस्टों की सुविधा बेहद कम दाम में
डायग्नोस्टिक सेंटर में एमआरआई, सीटी स्केन, कलर डोपलर डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, लैबोरेट्री टेस्ट सहित 250 प्रकार के टेस्टों की सुविधा है। कंपनी व सरकार के बीच हुए करार के अनुसार ये टेस्ट बाजार से 60 प्रतिशत कम कीमत पर किए जाएंगे। मैं बताने में सक्षम नहीं : आनंद
दूसरी तरफ कृष्णा डायग्नोस्टिक के अमृतसर में आपरेशनल हेड आनंद से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने जवाब देने से इंकार किया। कहा कि मैं यह बताने में सक्षम नहीं हूं कि डायग्नोस्टिक सेंटर में एमआरआइ व सीटी स्केन टेस्ट क्यों नहीं हो रहे। कंपनी के अधिकारियों से की है बात : एसएमओ
अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रमोहन के अनुसार मरीजों की सुविधा के लिए यह सेंटर खोला गया था। इन टेस्टों के लिए हम मरीज को गुरुनानक अस्पताल या फिर निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों में रैफर करते हैं। सेंटर खुलने के बाद भी मरीजों की परेशानी का समाधान नहीं हो पा रहा। इस संबंध में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है।