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जांच से खिलवाड़ की कोशिश, सिविल सर्जन ने अपने आवास पर बुलाई जांच कमेटी

सिविल सर्जन (सीएस) डा. नवदीप सिंह ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए जो कमेटी बनाई उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाकर जांच की प्रक्रिया शुरू करवाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 04:12 PM (IST)
जांच से खिलवाड़ की कोशिश, सिविल सर्जन ने 
अपने आवास पर बुलाई जांच कमेटी
जांच से खिलवाड़ की कोशिश, सिविल सर्जन ने अपने आवास पर बुलाई जांच कमेटी

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी स्वयं को सर्वोपरि समझते हैं। अपने लिए अलग नियम बनाते हैं। सिविल सर्जन (सीएस) डा. नवदीप सिंह ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए जो कमेटी बनाई, उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाकर जांच की प्रक्रिया शुरू करवाई।

यह पहली बार है जब स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी ने खुद पर लगे आरोपों की जांच के लिए खुद ही कमेटी बनाई और अपने आवास पर कमेटी को बुलाकर जांच करवा रहा हो। सवाल उठना स्वाभाविक है कि कमेटी के सदस्य क्या उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार करने का दुस्साहस कर पाएंगे?

17 दिसंबर को सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी करते वक्त डा. नवदीप सिंह ने वीडियो बनवाई और इसे प्रसारित कर दिया। इस वीडियो शूट प्रकरण की गूंज दूर दूर तक है। पंजाब महिला आयोग ने 24 नवंबर को सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डा. प्रभदीप कौर जौहल व सिविल अस्पताल की चार गायनी डाक्टरों को चंडीगढ़ तलब किया। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने सिविल सर्जन को कड़ी फटकार भी लगाई है। खुद को चौतरफा घिरता देख डा. नवदीप सिंह ने तीन डाक्टरों पर आधारित जांच कमेटी का गठन कर दिया। इस कमेटी में सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चरणजीत सिंह, जिला परिवार भलाई अधिकारी डा. जसप्रीत शर्मा व एसएमओ तरसिक्का डा. विनोद को शामिल किया। डा. नवदीप ने इन तीनों को अपने सरकारी आवास पर बुलाया। हालांकि इस दौरान क्या निष्कर्ष निकला यह तो कोई बताने को तैयार नहीं, पर अपुष्ट जानकारी के अनुसार जांच कमेटी के सदस्यों ने सिविल सर्जन द्वारा तैयार की गई एक लेटर पर साइन किए हैं। बताया जाता है कि इस जांच कमेटी ने सिविल सर्जन को बेगुनाह साबित कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 17 नवंबर को सिविल सर्जन डिलीवरी कर रहे थे और इसी दौरान किसी ने वीडियोग्राफी कर ली। हालांकि यह जानकारी अभी पुष्ट नहीं है, लेकिन यदि वाकई ऐसा है तो भी कई सवाल उत्पन्न होते हैं। वीडियो किसी अज्ञात ने बनाई थी तो फिर इसे प्रसारित क्यों किया गया? प्रेस नोट जारी क्यों किया गया? इसके साथ फोटोग्राफ्स भी जारी किए गए, जिनमें सिविल सर्जन का ध्यान डिलीवरी पर कम, जबकि कैमरे पर अधिक था। सिविल सर्जन की कोठी में जांच कमेटी के सदस्यों के अलावा डिप्टी मास मीडिया आफिसर अमरदीप सिंह, सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह व डा. करण शामिल थे।

जांच अधिकारी डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि हमें सिविल सर्जन ने बुलाया था। अभी जांच का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। हम दोबारा जांच करेंगे। एक सवाल के जवाब में डा. चरणजीत ने कहा कि अब सिविल सर्जन स्वयं आकर जांच में शामिल होंगे। चाहे वे अपने कार्यालय में या फिर सिविल अस्पताल आएं। हम सोमवार तक जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार कर देंगे।


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