तंत्र के गण: दो दोस्तों की नशे से जान ने बदल दी जीवन की दिशा, सैनिक ने छेड़ा खास अभियान
एक सैनिक के दो दाेस्तों की नशे से मौत हाे गई। इससे सैनिक गगनदीप सिंह के जीवन की दिशा बदल दी। अब वह नशे के खिलाफ खास अभियान चला रहे हैं।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। नशे ने सैनिक गगनदीप सिंह वड़ैच के दो जिगरी दोस्तों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया। गगनदीप उन्हें हमेशा कहता था कि नशा मत करो, यह तुम्हें बर्बाद कर देगा, लेकिन दोनों ने उनकी एक न सुनी। फिर दोनों दोस्त इस दुनिया से रुख्सत हो गए। उनकी मौत ने गगनदीप को इस कदर झकझोरा कि उन्होंने नशे के खिलाफ अभियान का शंखनाद कर दिया। अब गगनदीप नशे के पीछे भाग रहे युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने के मकसद से दौड़ लगा रहे हैं। उनकी दौड़ एक-दो किलोमीटर नहीं, बल्कि पंजाब के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में लगाने की है, ताकि युवा नशे के खिलाफ जागरूक हों।
पंजाब के 117 विधानसभा क्षेत्रों में नशे के खिलाफ दौड़ लगाकर करेंगे प्रचार
दरअसल, देश की रक्षा का संकल्प लेकर सेना में शामिल होने वाले गगनदीप सिंह ने पंजाब की जवानी को नशे से मुक्त करवाने का प्रण लिया है। 35 वर्षीय गगनदीप अब तक 15 विधानसभा क्षेत्रों में दौड़ लगा चुके हैं। शहर व गांवों की सड़कों पर दौड़ते हुए वह युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करते हैं।
मजीठा के गांव हिदायतपुरा निवासी गगनदीप 15 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। अब वह हरियाणा में तैनात हैं। गगनदीप के अनुसार, जब छुट्टी मिलती है तो मैं घर आकर अपने परिवार से मिलता हूं। इसके बाद अपना प्रण पूरा करने के लिए घर से निकल जाता हूं। हर विधानसभा क्षेत्र में 20 से 25 किलोमीटर दौड़ लगाता हूं। इस दौरान रास्ते में जहां भी युवा मिलते हैं, वहां उन्हें पूछता हूं कि आप में से कौन-कौन नशा करता है? जो युवा नशा करते हैं उन्हें इस बुराई को छोडऩे की अपील करता हूं। उन्हें पंपलेट बांटकर नशे के दुष्प्रभाव से अवगत करवाता हूं। युवाओं को अपने साथ दौडऩे को कहता हूं, ताकि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें और नशे से तौबा करें।
गगनदीप ने बताया कि समाचार पत्रों में नशे से होने वाली मौतों के विषय में पढ़कर मन उदास हो जाता है। पंजाब में दो लाख 30 हजार लोग नशे के आदी हैं। यह बहुत बड़ा आंकड़ा है और इसे कम करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। पंजाब की जवानी को नशे ने खोखला कर दिया है। पंजाब सरकार नशे की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रही है, पर यह जनता के सहयोग के बिना अधूरा है। गांवों में पंच-सरपंच व लोग नशा न बिकने देने का संकल्प लें तो नशे का खात्मा निश्चित है।