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बिजली बिल भरने वाले सैकड़ों, सिटी सर्किल में खुला एक ही कैश काउंटर

। एक अनार सौ बीमार की कहावत पावरकॉम मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली पर सटीक बैठती है। हाल गेट स्थित सिटी सर्किल बिजली घर में अंदरूनी हिस्सों के साथ-साथ शहर के विभिन्न हिस्सों से रोजाना सैकड़ों लोग बिल भरने के लिए पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 11:25 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 11:25 PM (IST)
बिजली बिल भरने वाले सैकड़ों, सिटी सर्किल 
में खुला एक ही कैश काउंटर
बिजली बिल भरने वाले सैकड़ों, सिटी सर्किल में खुला एक ही कैश काउंटर

हरदीप रंधावा, अमृतसर

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एक अनार, सौ बीमार की कहावत पावरकॉम मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली पर सटीक बैठती है। हाल गेट स्थित सिटी सर्किल बिजली घर में अंदरूनी हिस्सों के साथ-साथ शहर के विभिन्न हिस्सों से रोजाना सैकड़ों लोग बिल भरने के लिए पहुंच रहे हैं। सेवक मशीनें बंद होने से हाल गेट स्थित दो कैश काउंटरों पर भीड़ जमा हो रही है।

वीरवार को एक ही कैश काउंटर खुला जिससे लोगों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ी। पावरकॉम मैनेजमेंट के चेयरमैन कम डायरेक्टर (सीएमडी) डॉ. वेणु प्रसाद ने बिजली बिल भरने के लिए आने वाले लोगों व कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के मकसद से पिछले दिनों सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक बिजली घरों के कैश काउंटरों पर थर्मल स्क्रीनिग के साथ-साथ सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी के पालन के निर्देश जारी किए थे, जिन्हें लागू करने में विभाग असफल साबित हो रहा है।

सरकारी दावे सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बनते हैं

हाल गेट स्थित सिटी सर्किल बिजली घर में बिल भरने के लिए आए राम किशन, रमा रानी, भूपिदर सिंह, विनीत कुमार, राज रानी, शमां शर्मा, राज कुमार, रोहित कुकरेजा व बलविदर कौर ने कहा कि सरकारी दावे सिर्फ मीडिया की सुर्खियां ही बनते हैं। सुबह से बिजली का बिल भरने के लिए लाइनों में खड़े हैं और एक ही कैश काउंटर खोला गया है। खड़े-खड़े लोग थक चुके हैं। सेवक मशीनें बंद करने के बाद पावरकॉम मैनेजमेंट को कैश काउंटरों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी मगर एक ही कैश काउंटर कर दिया है। दूर-दूर से आने वाले उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं, अधिकतर बिजली घरों के कैश काउंटरों पर लोगों को बिजली बिल भरने में खासी परेशानी हुई।

चीफ इंजीनियर के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं हुआ सुधार

बिजली घर में बेतहाशा भीड़ व एक ही कैश काउंटर की जानकारी देने के लिए बॉर्डर जोन के चीफ इंजीनियर प्रदीप कुमार सैनी को एक उपभोक्ता ने द्वारा वीडियो बनाकर भेजी। इस पर सैनी ने मामले में हस्तक्षेप किया मगर उसके बाद भी कैश काउंटर की संख्या नहीं बढ़ाई गई। ना तो थर्मल स्क्रीनिग हुई और ना ही सैनिटाइजेशन का प्रबंध दिखा। बाद दोपहर भी बिजली बिल भरने के लिए पहुंचने वाले लोग विभाग की कार्यप्रणाली को कोसते हुए नजर आए।


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