जीएनडीयू को एडहॉक अध्यापकों का रोका गया वेतन जारी करने के आदेश
::पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, एडहाक अध्यापक गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के
::पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, एडहाक अध्यापक गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के वेतन के लिए अधिकारियों को नियमों के तहत लिखें पत्र
जागरण संवाददाता, अमृतसर
पंजाब व हरियाण हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करके जीएनडीयू के कंस्टीच्यूट कालेजों में काम कर रहे एडहॉक अध्यापकों का रूका हुआ वेतन जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अदालत ने हिदायत जारी की है कि विश्वविद्यालय प्रबंधक बिना किसी देरी इन अध्यापकों का वेतन जारी करें।
जीएनडीयू एडहॉक अध्यापक यूनियन के एडवोकेट विवेक शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कंस्टीच्यूट कालेजों में काम कर रहे अध्यापकों के अपने पदों पर काम करते हुए ही विश्वविद्यालय ने उनकी जगह पर नए एडहॉक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाल दिया था। यहां तक के जारी विज्ञापन के अनुसार विश्वविद्यालय ने अध्यापकों की इंटरव्यू भी ले ली थी। कुछ अध्यापकों को नियुक्ति पत्र तक जारी कर दिए थे। इस के चलते पहले ही काम कर रहे कुछ अध्यापक विश्वविद्यालय की ओर से इंटरव्यू के दौरान भर्ती के लिए बरती गई पक्षपात वाली नीतियों के खिलाफ अदालत की शरण में चले गए। अदालत ने जीएनडीयू को पहले से ही काम कर रहे एडहॉक अध्यापकों की जगह नए एडहॉक अध्यापक भर्ती करने पर रोक लगा दी थी। इस के बाद नए भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को भी रद कर दिया था। यहां तक कि जिन नए भर्ती अध्यापकों को नियुक्ति पत्र दिए थे उनको भी नियुक्ति देने पर रोक लगा दी थी। इस दौरान पहले से ही काम कर रहे अध्यापकों के वेतनों को जीएनडीयू के अधिकारियों ने रोक लिया था। मार्च से रूका हुआ वेतन जारी करने के लिए अध्यापकों ने अदालत के समक्ष गुहार लगाई थी।
जीएनडीयू एडहॉक टीचर यूनियन के अध्यक्ष प्रो. गुरप्रीत सिंह, उपाध्यक्ष प्रो. विशाल शर्मा और महासचिव प्रो. सुखदेव ¨सह ने बताया कि अदालत ने यह भी हिदायत दी है कि एडहॉक अध्यापक गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों का वेतन अन्य रेगुलर अध्यापकों की तरह जीएनडीयू से लेने के लिए नियमों के अनुसार एक पत्र विश्वविद्यालय अधिकारियों को लिखे। अगर फिर भी विश्वविद्यालय के अधिकारी वेतन नहीं देते है तो पीडित अध्यापक अदालत की शरण में आ सकते हैं।