मजदूर दिवस : कोरोना के चलते रैलियां बैठकों व झंडा फहराने तक सिमटीं
मजदूर दिवस अलग-अलग संगठनों की ओर से इस बार कोरोना के बढ़ रहे प्रभाव के कारण सीमित ढंग से ही मनाया गया।
जासं, अमृतसर: मजदूर दिवस अलग-अलग संगठनों की ओर से इस बार कोरोना के बढ़ रहे प्रभाव के कारण सीमित ढंग से ही मनाया गया। अलग-अलग ट्रेड यूनियन संगठनों ने यह कार्यक्रम छोटी बैठकों और अपने-अपने संगठनों के झंडे फहराकर ही आयोजित किया और मेहनती लोगों के हक के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया।
रेहड़ी फड़ी वर्कर यूनियन और आम आदमी पार्टी के मजदूर विग की ओर से स्थानीय ग्वाल मंडी इलाका में मजदूर दिवस का आयोजन सीमित रूप में संगठन के नेता डा. इंद्रपाल सिंह की अगुआई में मनाया गया। डा. इंद्रपाल ने कहा कि देश की आजादी के 73 वर्ष बीतने के बाद आज भी मजदूर अपने हकों के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं। सरकार ने श्रम कानूनों में लगातार संशोधन करते हुए आज मजदूर वर्ग को पूरी तरह उद्योगपतियों के रहम पर छोड़ दिया है। मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकारें मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा करने से भाग गई हैं। इसके लिए संघर्ष ही मजदूरों के पास अंतिम रास्ता है।
इसी तरह इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक की ओर से एकता भवन पुतली घर में एक बैठक कर व पार्टी का झंडा फहरा कर मजदूर दिवस मनाया गया। बैठक में एटक के नेता अमरजीत सिंह आसल और विजय कुमार ने वर्करों को सरकारों की जगह अपने संघर्ष पर विश्वास रखने का आह्वान किया। ट्रेड यूनियन सीटू की ओर से पार्टी के पुतलीघर कार्यालय के बाहर संगठन का झंडा फहरा कर वर्करों के हकों की लडाई जारी रखने का संकल्प लिया। इस दौरान संगठन के नेताओं सुच्चा सिंह अजनाला, नरिदर चमियारी व जीत लाल आदि ने संबोधित किया। ट्रेड यूनियन सीटू की ओर से संगठन का झंडा फहरने की बाद संगठन के नेता जगतार सिंह कर्मपुरा और किरपाल सिंह की ओर से वर्करों को संबोधित किया गया। हिद मजदूर सभा की ओर से संगठन के कार्यालय हाथी गेट में संगठन का झंडा संगठन के नेता कुलवंत सिंह बावा की ओर से संबोधित करते हुए श्रम कानूनों के संशोधनों के खिलाफ आवाज बुलंद रखने का आह्वान किया।