कोरोना ने सुखा दिया ब्लड बैंकों का खून, अस्पतालों में किल्लत
कोविड ने हर क्षेत्र में उथल-पुथल मचाई है। इस बीच कोरोना ने ब्लड बैंकों के खून का प्रवाह रोक दिया है। जिले के ब्लड बैंकों में रक्त की किल्लत पैदा हो गई है।
नितिन धीमान, अमृतसर
कोविड ने हर क्षेत्र में उथल-पुथल मचाई है। इस बीच कोरोना ने ब्लड बैंकों के खून का प्रवाह रोक दिया है। जिले के ब्लड बैंकों में रक्त की किल्लत पैदा हो गई है। गुरु नानक देव अस्पताल व सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंकों में रक्त का सीमित स्टाक शेष है। इसकी मूल वजह यह है कि युवा कोरोना काल में रक्तदान के प्रति उत्साह नहीं दिखा रहे।
दरअसल, एक मई से 18 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की सरकारी घोषणा हुई थी। यह अलग बात है कि पंजाब सहित अमृतसर में अभी इन्हें वैक्सीन लगाने का क्रम शुरू नहीं हुआ, पर वैक्सीन लगने के साठ दिन तक ये युवा रक्त नहीं दे सकते। 18 से अधिक आयु के ज्यादातर लोग इस इंतजार में हैं कि वैक्सीन लगवा लें। इसी वजह से वह रक्तदान नहीं कर रहे। दूसरा बड़ा कारण यह है कि स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी इन दिनों कोरोना के डर से रक्तदान शिविर नहीं लगाए जा रहे। एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप का खून है ही नहीं
सिविल अस्पताल में सोमवार तक 200 यूनिट रक्त शेष था। इनमें एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप उपलब्ध नहीं है। इसी तरह गुरुनानक देव अस्पताल में भी 300 यूनिट रक्त ही शेष है। गर्भवती महिलाओं, सड़क हादसों में जख्मी व थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को लगातार रक्त की जरूरत पड़ती है। यह रक्त सिर्फ ब्लड बैंकों से मिल सकता है, पर ब्लड बैंकों में भी तब मिलेगा जब उपलब्ध होगा। 50 यूनिट रक्त की हो रही रोजाना खपत
सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक के प्रभारी डा. सर्बदीप सिंह रियाड़ का कहना है कि अभी रोजाना 50 यूनिट रक्त के करीब इस्तेमाल हो रहा है और रक्तदान करने वाले नामात्र हैं। अभी बेशक सरकार ने इलेक्टिव सर्जरी बंद कर दी है, मगर फिर भी गर्भवती महिलाओं, सड़क हादसों में जख्मी व थैलेसीमिया पीड़ितों को निश्शुल्क रक्त दिया जाता है। इन दिनों रक्त की कमी है तो लोगों से प्रार्थना कर रहे हैं कि खून के बदले खून दे दें। दैनिक जागरण की अपील, संकट के समय आगे आएं आप
कोरोना काल में अंबरसरियों ने जिस उत्साह और संयम से जरूरतमंदों की सेवा की है, वैसा ही सेवा भाव इस संकट के समय भी रक्तदान करके दिखाएं। सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में बेहद सुरक्षित तरीके से रक्तदान करवाया जाता है। हमें यह याद रखना होगा कि ब्लड बैंकों में जरूरत के अनुपात में रक्त नहीं है। यदि हमें अपने लिए जरूरत पड़े और ब्लड बैंक खाली हो तो स्थिति क्या होगी आप समझ सकते हैं। रक्त से बनाए जाते हैं कई कंपोनेंट
सामाजिक कार्यकर्ता राजिदर शर्मा राजू का कहना है कि इंसान के शरीर से लिए गए रक्त से कई कंपोनेंट तैयार किए जाते हैं। मसलन, पैक सेल, फ्रेशन फ्रोजन प्लाजा, प्लेट्लेट्स, पीआरबीसी सेल आदि। ये कंपोनेंट विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार में बेहद प्रभावी माने गए हैं। आज स्थित विकट है। मैं अपने मित्रों के साथ कल ही अस्पताल में जाकर ब्लड डोनेट करूंगा।