गुरबाणी के प्रसारण पर विवाद, श्री अकाल तख्त साहिब ने मांगे समझौते के दस्तावेज
पंजाब में एक टीवी चैनल पर गुरबाणी के प्रसारण को लेकर विवाद गरमा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब ने पूरे मामले में संज्ञान लिया है और इस बारे में समझौते के दस्तावेज मांगे हैं।
अमृतसर, जेएनएन। पंजाब के एक निजी टीवी चैनल पर गुरबाणी और श्री हरिमंदिर साहिब से रोजाना सुबह लिए जाने वाले हुक्मनामे के प्रसारण के अधिकार का विवाद गहरा गया है। यह मामला अब श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच गया है। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस पर संज्ञान लिया है और शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और टीवी चैनल से प्रसारण के लिए हुए समझौते संबंधी दस्तावेज तलब किए हैं।
श्री अकाल तख्त साहिब पर लगातार पहुंच रही शिकायतों को लेकर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने टीवी चैनल के प्रबंधकों और एसजीपीसी को गुरबाणी प्रसारण व हुक्मनामा प्रसारित करने वाले अधिकारियों को लिखित दस्तावेज श्री अकाल तख्त पर पहुंचाने के आदेश दिए हैं। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निजी सहायक जसपाल सिंह ने कहा कि संगत की ओर से टीवी चैनल के दावे को लेकर लगातार फोन आदि पर शिकायतें पहुंच रही थीं। कुछ सिख संगठनों ने श्री अकाल तख्त साहिब पर अपना विरोध दर्ज करवाया है।
दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब कुछ यू-ट्यूब चैनलों ने पंजाब के एक टीवी चैनल पर प्रसारित होने वाली पवित्र गुरबाणी और हुक्मनामे का वीडियो अपने चैनल पर अपलोड कर दिया। टीवी चैनल ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि इसके अधिकार सिर्फ उनके पास हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि पवित्र गुरबाणी के प्रसारण के अधिकार पर एक चैनल का दावा कैसे हो सकता है।
टीवी चैनल का दावा गुरु साहिब के संदेश के खिलाफ: सिरसा
लोक इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि टीवी चैनल गुरबाणी व हुक्मनामा संबंधी अधिकारों को लेकर गलत दावा पेश कर रहा है। किसी के पास भी गुरबाणी को बेचने का अधिकार नहीं हो सकता। श्री गुरु नानक देव जी ने गुरबाणी को घर-घर व हर व्यक्ति तक पहुंचने का जो संदेश दिया है। टीवी चैनल का दावा गुरु साहिब के संदेश के खिलाफ है। गुरबाणी का व्यावसायीकरण करने की कोशिश हो रही है। जत्थेदार के ध्यान में भी सारा मामला लाया गया है। जो समझौता टीवी चैनल के साथ हुआ है वह सार्वजनिक होना चाहिए।
2007 में टीवी चैनल ने अन्य चैनल से लिए थे अधिकार
सिरसा ने कहा वर्ष 2000 में एसजीपीसी ने एक टीवी समूहके साथ समझौता किया था। साल 2007 में उक्त समूह से दूसरे टीवी चैनल ने गुरबाणी प्रसारण के अधिकार ले लिए। ऐसा नहीं होना चाहिए था। गुरबाणी के प्रसारण के लिए ई-टेंडर होना चाहिए था। हुक्मनामे को प्रसारित करने का अधिकार किसी टीवी कंपनी को नहीं दिया जाना चाहिए।
अपना चैनल शुरू करे श्री अकाल तख्त साहिब: सरना
दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबाणी के प्रसारण का अधिकार किसी निजी टीवी चैनल से खत्म होना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब को अपना टीवी चैनल शुरू करना चाहिए, जो 24 घंटे सात दिन चले। चैनल फ्री टू एयर होना चाहिए। हर केबल नेटवर्क कंपनियों की डिश पर यह निशुल्क हो। इसका प्रसारण यू ट्यूब व फेसबुक पर भी लाइव होना चाहिए।
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श्री दरबार साहिब के हुक्मनामे पर दावा गुरबाणी का निरादर: बाजवा
दूसरी ओर, चंडीगढ़ में ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा है कि श्री दरबार साहिब के हुक्मनामे व गुरबाणी कीर्तन पर मालिकाना हक का दावा करना गुरबाणी का घोर निरादर है। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से निरादर करने वाले दोषियों के विरुद्ध सिख परंपराओं व मर्यादा के अनुसार तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
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