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सिविल अस्पताल में बिना सेफ्टी जैकेट एक्सरे कर रहे रेडियोग्राफर

। सिविल अस्पताल में खतरों के खिलाड़ी भी हैं। ये खिलाड़ी खतरों से खेलते हैं यह जानते हुए भी कि खतरों का खेल उनके लिए खतरनाक है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 12:39 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 06:05 AM (IST)
सिविल अस्पताल में बिना सेफ्टी जैकेट एक्सरे कर रहे रेडियोग्राफर
सिविल अस्पताल में बिना सेफ्टी जैकेट एक्सरे कर रहे रेडियोग्राफर

नितिन धीमान, अमृतसर

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सिविल अस्पताल में 'खतरों के खिलाड़ी' भी हैं। ये खिलाड़ी खतरों से खेलते हैं, यह जानते हुए भी कि खतरों का खेल उनके लिए खतरनाक है। कौन हैं ये खिलाड़ी और कौनसा खेल खेलते हैं, जानने के लिए आप उत्सुक होंगे। चलिए बता देते हैं। ये आठ खिलाड़ी एक्सरे विभाग में रेडियोग्राफर के पद पर कार्यरत हैं। और खतरों से खेलना इनका शौक है। एक-दो को छोड़कर शेष सभी रेडियोग्राफर बिना सेफ्टी जैकेट पहने मरीजों का एक्सरे करते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें सुरक्षा के मद्देनजर सेफ्टी जैकेट प्रदान की है, पर रेडियोग्राफर इसका प्रयोग नहीं करते।

दरअसल, एक्सरे विभाग में चौबीसों घंटे एक्सरे किए जाते हैं। एक्सरे मशीन से हमेशा खतरनाक रेडिएशन निकलता है। रेडिएशन से ब्लड कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों संबंधी रोग एवं किडनी रोग का खतरा रहता है। रेडियोग्राफरों को रेडिएशन से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सेफ्टी जैकेट्स मुहैया करवाई हैं। ये जैकेट्स एक्सरे मशीन से निकलने वाली रेडिएशन को रेडियोग्राफर के संपर्क से दूर रखती है। दूसरी तरफ रेडियोग्राफर अपनी पर्सनेलिटी खराब न हो, इस वजह से सेफ्टी जैकेट पहनना पसंद नहीं करते। जींस-शर्ट, कोट-पैंट, सूट-सलवार पहनकर आने वाले महिला व पुरुष रेडियोग्राफर न तो ड्रेस कोड का पालन कर रहे हैं और न ही सेफ्टी जैकेट पहनते हैं। सेफ्टी जैकेट्स एक्सरे विभाग में ही पड़ी हैं। रेडियोग्राफर कोर्स में रेडिएशन ही सबसे बड़ा विषय है

रेडियोग्राफर के डिप्लोमा कोर्स के दौरान एक्सरे मशीन की पूरी कार्यविधि समझाई जाती है। सबसे ज्यादा फोकस रेडिएशन से कैसे बचा जा सके, इस पर रहता है। सिविल अस्पताल में कार्यरत रेडियोग्राफर ने भी इसी पाठ्यक्रम के अनुसार डिप्लोमा किया होगा। रेडियोग्राफर की भूमिका अस्पतालों के पैरा-मेडिकल विभाग के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है। रेडियोग्राफर को सुनिश्चित करना होता है कि डॉक्टर के निर्देशानुसार उसने मरीज की सही एक्स-रे स्कैनिग की है या नहीं। अब यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि रेडियोग्राफर सेफ्टी जैकेट्स ही नहीं पहनते तो निश्चित ही अपने काम में भी कहीं न कहीं लापरवाही बरतते होंगे। अब बंद कमरा बंद कर करते हैं एक्सरे

एक्सरे विभाग में एक्सरे करवाने आए मरीज के साथ-साथ अटेंडेंट को भी अंदर आने से रोका नहीं जाता। रेडियोग्राफर खुद तो खतरों से खेल रहे हैं, पर लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं एक्सरे विभाग का दरवाजा भी बंद नहीं करते थे। इससे एक्सरे की रेडिएशन बाहर तक पहुंच जाती थी। दैनिक जागरण ने इस संबंध में विस्तृत समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद अब रेडियोग्राफर कमरे का दरवाजा बंद कर एक्सरे कर रहे हैं।

जवाब तलब किया जाएगा

'रेडियोग्राफर्स को सेफ्टी किट्स प्रदान की गई हैं। ये इसे क्यों नहीं पहनते इस संदर्भ में जवाब तलब किया जाएगा।'

— डॉ. अरुण शर्मा, एसएमओ, सिविल अस्पताल अमृतसर।


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