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शहर के विकास प्रोजेक्टों में देरी, डीसी ने लगाई अधिकारियों की फटकार

शहर में चल रहे आधा दर्जन से अधिक विकास कामों में हुई देरी पर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों की फटकार लगाई है। इनमें हुई देरी के चलते प्रोजेक्टों की अनुमानित लागत भी उम्मीद से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:36 PM (IST)
शहर के विकास प्रोजेक्टों में देरी, डीसी ने लगाई अधिकारियों की फटकार
शहर के विकास प्रोजेक्टों में देरी, डीसी ने लगाई अधिकारियों की फटकार

रविदर शर्मा, अमृतसर : शहर में चल रहे आधा दर्जन से अधिक विकास कामों में हुई देरी पर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों की फटकार लगाई है। इनमें हुई देरी के चलते प्रोजेक्टों की अनुमानित लागत भी उम्मीद से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। उन्होंने शहर के सभी विकास कामों की समीक्षा करने के बाद पाया कि कुछ महीनों में मुकम्मल होने वाले प्रोजेक्ट छह से सात सालों के बाद भी पूरे नहीं किए जा सके। उन्होंने तय समय में निर्माण काम पूरा नहीं होने के कारणों का पता लगाया तो वे हैरान रह गए कि अलग-अलग विभागों में कोई आपसी तालमेल ही नहीं।

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डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने शहर के विकास कामों में तेजी लाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इसमें निगम कमिश्नर को कन्वीनर बनाया है, जबकि पुलिस कमिश्नर, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल), अमृतसर विकास अथार्थी के मुख्य प्रशासक, एडीसी विकास के अलावा एसडीएम-1, एसडीएम-2, लोक निर्माण विभाग के सुपरिटेंटेंड इंजीनियर, नगर सुधार ट्रस्ट के सुपरिटेंटेंड इंजीनियर, पंजाब राज पावर कारपोरेशन लिमिटेड के सुपरिटेंटेंड इंजीनियर, और नेशनल हाईवे अथार्टी आफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को सदस्य बनाया है। मिनी सचिवालय सात साल बाद भी नहीं हुआ मुकम्मल

मिनी सचिवालय प्रोजेक्ट जनवरी 2013 में शुरू हुआ। इसे 46 करोड़ रुपये की लागत से 2016 से तक मुकम्मल करना था। पहले इसकी एक बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर तथा तीन मंजिला इमारत में आफिस बनाए जाने थे, लेकिन बाद में इसका पांच मंजिला निर्माण को मंजूरी दे दी। इस पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं लेकिन अभी भी इसके लिए करीब 15 करोड़ रुपये की जरूरत है। आधुनिक सर्किट हाउस की बढ़ गई 15 करोड़ लागत

सर्किट हाउस का निर्माण काम 2014 में शुरू हुआ। 22 करोड़ रुपये की लागत से 18 माह में मुकम्मल करना था। पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (पीआईडीबी) ने 11 करोड़ से ढांचा खड़ा किया, जिसे मुकम्मल करने में अभी और 15 करोड़ रुपये की जरूरत है। सरकार इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) में देने के लिए पार्टनर ढूंढ़ रही है। कोविड बना फुट ओवरब्रिज देरी का कारण

पुतलीघर और जीटी रोड पर श्री गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल के बाहर फुटओवरब्रिज बनाए जाने हैं ताकि लोगों को सड़क क्रास करने में दिक्कत न हो। इन ब्रिज पर सीढि़यों के साथ लिफ्ट भी लगाई जानी है। इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत 5.35 करोड़ रुपये है। फूड स्ट्रीट

टाउन हाल प्लाजा में 11 करोड़ रुपये की लागत से फूड स्ट्रीट प्रोजेक्ट जून 2020 में मुकम्मल होना था। इसमें 125 तरह के इंडियन फूड स्टाल लगाए जाने हैं। अभी तक इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सका। पांच साल बाद भी मुकम्मल नहीं हो सका अर्बन हाट

124 साल पुराने विक्टोरिया जुबली अस्पताल की जगह में अर्बन हाट प्रोजेक्ट की शुरुआत 2015 में अकाली सरकार ने की थी। इसे साल 2016 में शुरू किया गया। उस समय इसक प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 15 करोड़ थी, जो अब काफी बढ़ गई है।


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