श्रम कानून संशोधनों के खिलाफ सीटू वर्करों ने किया प्रदर्शन
सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन की ओर से केंद्र सरकार की जन व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि केंद्र सरकार पुराने श्रम कानूनों को बहाल करे।
जासं, अमृतसर : सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन की ओर से केंद्र सरकार की जन व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि केंद्र सरकार पुराने श्रम कानूनों को बहाल करे। श्रम कानूनों को संशोधित करके लागू किए गए चार कोड पूरी तरह रद्द किए जाएं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व सीटू के राज्य वित्त सचिव सुच्चा सिंह अजनाला कर रहे थे। अजनाला ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना की आड़ में एक साजिश के तहत संशोधित श्रम कानून और कृषि कानूनों को लागू कर दिया गया। किसान पहले ही कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ संघर्ष के मैदान में है। श्रमिक संगठनों की ओर से सरकार को संशोधित कानून वापिस लेने के लिए लिखित अपीलें भी की जा चुकी है। परंतु सरकार कारपोरेट घरानों और मालिकों के पक्ष में किए गए श्रमिक विरोधी संशोधनों को वापिस लेने के लिए तैयार नहीं है। श्रमिकों की ओर से लंबे संघर्षो से हासिल किए गए अधिकारों को पूरी तरह खत्म कर दिया है। वर्करों को मालिकों के रहम पर छोड़ दिया गया है। काम के आठ घंटों को बढ़ा कर दस घंटे कर दिया गया है। वर्करों की छुट्टियों का मामला पेचीदा कर दिया गया है। इन सब के प्रति सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन अन्य श्रमिक संगठनों के मिल कर आंदोलन को और अधिक धार देगी। इस दौरान संगठन के नेता बलविदर सिंह, राम लाल, नरिदर सिंह चमियारी, बलबीर सिंह, प्रेम बिलास मौजूद थे।