काटती ही नहीं, करंट भी देती है चाइनीज डोर
चाइनीज डोर शरीर के अंगों को काटने में तेजधार का काम ही नहीं करती बल्कि इसमें बिजली का करंट भी दौड़ता है।
जागरण संवाददाता अमृतसर : चाइनीज डोर शरीर के अंगों को काटने में तेजधार का काम ही नहीं करती, बल्कि इसमें बिजली का करंट भी दौड़ता है। साफ है कि अगर पतंग उड़ाते समय यह डोर बिजली की तारों को छू ले तो डोर पकड़ने वाले को जोरधार झटका भी लगता है। अगर यह डोर हाई वोल्टेज तारों के ऊपर से गुजर रही हो तो पंतगबाज उसे छू ले तो डोर थामकर पतंग उड़ाने वाले की जान भी जा सकती है। हालांकि जिले में चाइनीज डोर से मौत का कोई केस घटित नहीं हुआ है, लेकिन हर साल दर्जनों लोग इसकी चपेट में आकर बुरी तरह से जख्मी हो रहे हैं। यही नहीं पशु-पक्षियों को भी यह जानलेवा डोर नहीं बख्शती। पिछले पांच साल में यह डोर 98 लोगों का अपना शिकार बना चुकी है।
गुरप्रीत ने बड़ी मुश्किल से बचाई थी अपनी जान
जगदेव कलां गांव निवासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि गत 13 दिसंबर की शाम वह अपने बुलेट बाइक पर जहाजगढ़ से घर लौट रहे थे। एलिवेटिड रोड पर सिविल अस्पताल के पास एक पतंग की डोर उनके ऊपर गिर गई। जब तक वह डोर को हटा पाते तब तक तेज रफ्तार मेट्रो बस उस चाइनीज डोर को अपने साथ लपेट कर आगे बढ़ गई। वह समझ गए कि उनके साथ अनर्थ होने वाला है। उन्होंने तुरंत बुलेट की ब्रेक लगाई और अपने आप को संभालना शुरू कर दिया। देखते ही देखते प्लास्टिक डोर ने पहले उनकी अंगूली को काटा और फिर जैकेट और पगड़ी को काटते हुए निकल गई। उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपना बचाव किया।
गर्दन पर फिरने से मिला था घाव : बलदेव सिंह
13 जनवरी 2019 को न्यू अमृतसर निवासी बलदेव सिंह की गर्दन पर चाइनीज डोर फिर गई। वह जख्मी हो गए थे। बलदेव सिंह ने बताया कि वह भंडारी पुल से अपने घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान अचानक चाइनीज डोर उनकी गर्दन से लिपट गई। वह बाइक पर सवार थे। डोर से बचने के लिए जब तक ब्रेक लगाई, तब तक यह खूनी डोर अपना काम कर चुकी थी। मेरी गर्दन से खून बह रहा था। आसपास के लोगों ने अस्पताल में पहुंचाया। गले में गहरा जख्म होने की वजह से डॉक्टरों ने चार टांके लगाए। परमात्मा का शुक्र है कि ब्रेक लगाने में एक पल की भी और देरी हो जाती तो यह डोर मेरी गर्दन की नसें तक काट देती।
शुभम का कट गया था कान
जनवरी 2019 में चाइनीज डोर की चपेट में आने से 11 वर्षीय शुभम का कान कट गया। पिता राजीव ने बताया कि घटना वाले दिन वह शुभम के साथ बाजार गए थे। इसी दौरान उनके मोटरसाइकिल के आगे चाइनीज डोर आ गई। आगे बैठे शुभम के कान से गुजरती हुई डोर ने उसका कान काट दिया। उसके कान पर तीन टांके लगे थे। शुभम के लिए वह दिन बड़ा दर्दनाक था। पांच साल में हुई घटनाएं
2019 में 11 लोग हुए शिकार
2018 में 19 लोग हुए शिकार
2017 में 26 लोग हुए शिकार
2016 में 8 लोग हुए शिकार
2015 में 34 लोग हुए शिकार लगा था जोरदार बिजली का झटका : दीपक
गुरु नानकपुरा निवासी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि वह पतंगबाजी के काफी शौकीन हैं, लेकिन जब से चाइनीज डोर मार्केट में आई है तब से पतंगबाजी का मजा खराब हो गया है। बीते साल वह लोहड़ी पर्व पर छत से पतंगबाजी कर रहे थे। डोर सीधे बिजली की तारों से गुजर रही थी। जैसे ही उन्होंने डोर को पकड़ा तो उन्हें जोरदार बिजली का झटका लगा। वह दो फुट पीछे गिर पड़े। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह चाइनीज डोर से पतंगबाजी न करें। यह जानलेवा है।
प्लास्टिक और फाइबर से बनती है डोर
एक दुकानदार ने बताया कि चाइनीज डोर ज्यादातर दिल्ली से ही आती है। इसे बनाने के लिए प्लास्टिक और फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक होने के कारण इसे तोड़ना आसान नहीं है। अन्य डोर के मुकाबले यह आकाश में पतंग के साथ उड़ने की बजाए भारी होने के कारण लटकती रहती है। इसकी चपेट में जो भी आता है कट जाता है।