सरकारी स्कूलों में स्कूल लीविग सर्टिफिकेट के बिना दाखिले का विरोध
रेकोग्नाइजड एफिलिएटिड स्कूल एसोसिएशन (यूके ग्रुप) ने स्कूल लीविग सर्टिफिकेट के बिना सरकारी स्कूलों में चल रही दाखिला प्रक्रिया को चुनौती दी है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर: रेकोग्नाइजड एफिलिएटिड स्कूल एसोसिएशन (यूके ग्रुप) ने स्कूल लीविग सर्टिफिकेट के बिना सरकारी स्कूलों में चल रही दाखिला प्रक्रिया को चुनौती दी है। रासा यूके ग्रुप के पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि उन्हें अपना संघर्ष शुरू करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न किया जाए। निजी स्कूल पहले ही कोरोना की मार झेल रहे हैं। निजी स्कूलों व उनके स्टाफ की सुध लेने के बजाय सरकार निजी स्कूल को दबाने की रणनीति पर काम कर रही है। यह सहन नहीं होगा।
रासा यूके ग्रुप के प्रधान रवि शर्मा ने कहा कि स्कूल लीविग सर्टिफिकेट के बिना सरकारी स्कूलों में बच्चे दाखिल किए जा रहे हैैं। बच्चों का लाखों रुपये बकाया निजी स्कूलों के पास है। स्कूल प्रबंधन अपने स्टाफ को सैलरी नहीं अदा कर पा रहे। इस तरह निजी स्कूलों का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर आ जाएगा। पंजाब के अधिकांश विद्यार्थी निजी स्कूलों में कम पैसे में स्तरीय एजूकेशन हासिल कर रहे हैं। कोई ऐसा साल नहीं होगा कि पीएसईबी द्वारा जारी मेरिट सूची में निजी स्कूलों के विद्यार्थियों का दबदबा न हो।
उन्होंने बताया कि सरकार बिना परीक्षा के ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की रणनीति पर काम कर रही है। इससे देश का भविष्य दांव पर लग जाएगा। रवि ने मांग की कि 12वीं की तर्ज पर आठवीं व दसवीं कक्षा के भी प्री-बोर्ड के अंक स्कूलों से मंगवाए जाएं। उसके आधार पर फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाए। सरकार निजी व सरकारी स्कूलों में भेदभाव की नीति को खत्म करे। निजी स्कूलों को घरेलू यूनिट के रेट लगाकर बिजली के बिल भेजे जाएं। आरटीआइ एक्ट खत्म किया जाए। इस मौके पर हरपाल सिंह यूके चेयरमैन, गुरमुख सिंह महासचिव, एचएस कठानिया, मंजीत सिंह, तेजबीर सिंह सोहल आदि मौजूद थे।