अस्पताल में इंजेक्शन से नहीं, कॉकरोच से डरते हैं बच्चे
नितिन धीमान, अमृतसर : आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार दिलाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें स्वास्थ्य
नितिन धीमान, अमृतसर : आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार दिलाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें स्वास्थ्य बजट पर प्रतिवर्ष करोड़ों नहीं, अरबों खर्च करने की घोषणाएं करती हैं। यह घोषित राशि देर-सवेर अस्पतालों के जीर्णोद्धार अथवा नवनिर्माण में खर्च की जाती है। दूसरी तरफ कड़वी सच्चाई यह है कि सरकारी अस्पतालों की दशा कभी ठीक नहीं हो सकी। इन अस्पतालों का संचालन करने वाले व्यवस्था के रखवाले ही सरकारी नौकरी का आनंद उठा रहे हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बात गुरुनानक देव अस्पताल की कर रहे हैं। यहां वर्ष 2012 में निर्मित हुए बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर में अव्यवस्था का ऐसा अंधकार पसरा है जो न तो सरकार को दिखाई देता है और न ही इस वार्ड के डॉक्टरों को।
करोड़ों रुपयों की लागत से निर्मित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर की चमचमाती इमारत में बने बच्चा वार्ड की हालत उस बच्चे की तरह है जो इंजेक्शन देखकर रोने लगता है। बच्चा वार्ड में 2 से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे उपचाराधीन हैं। डॉक्टर द्वारा लगाए जाने वाले इंजेक्शन से ज्यादा इन्हें वार्ड में घूम रहे कॉकरोच से डर लगता है। वीरवार को बच्चा वार्ड में दाखिल दो वर्षीय रिडॉय नामक बच्चे के शरीर पर कॉकरोच चढ़ गए। बच्चा हड़बड़ा कर उठा। कॉकरोच देखकर उसके दिल की धड़कनें बढ़ गईं। कुछ देर बाद उसके हाथ व पैरों पर दाने उभर आए। संभवत: गंदगी में रहने वाले कॉकरोच के पैरों से उसका शरीर संक्रमित हुआ। परिजनों ने बच्चा वार्ड में कार्यरत पीजी डॉक्टर को इस बाबत बताया तो वह बोली कॉकरोच से भला कैसे संक्रमण होगा। इसे कोई दवा खिलाई होगी या फिर गलत इंजेक्शन लग गया हो। रिडॉय के मामा राहुल ने डाक्टर से कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। बच्चे को इंजेक्शन कुछ देर पहले ही लगा है, जबकि दाने सुबह ही उभर आए थे। राहुल के अनुसार जब डॉक्टर को कहा कि कि यहां कॉकरोच ज्यादा है। इन्हें हटवाने की व्यवस्था कर दें तो वह बोली— आप कॉकरोच मारने वाला स्प्रे खरीद ले आओ और छिड़क दो। यह सरकारी अस्पताल है और यहां ऐसा चलता ही रहता है। डॉक्टर का एक नकारात्मक और निराशापूर्ण जवाब सुनकर बच्चे के परिजन भी हताश हो गए।
दरअसल, बच्चा वार्ड में हर बेड में कॉकरोच का वास है। बेड्स के गद्दे फटे हुए हैं, जिनके भीतर कॉकरोच छिप जाते हैं और बाहर निकलकर बच्चों के शरीर पर चढ़कर उन्हें संक्रमण का शिकार बनाते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा दो बार गुरु नानक देव अस्पताल में आ चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अव्यवस्था की असली तस्वीरें नहीं दिखाईं। सांसद गुरजीत ¨सह औजला ने तीन मर्तबा गुरुनानक देव अस्पताल की अव्यवस्था का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने बच्चा वार्ड के गद्दों को देखकर अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट को कड़ी फटकार भी लगाई। दुखद सांसद औजला को डॉक्टरों के विरोध का सामना करना पड़ा।
कॉकरोच हटवाने को सफाई कर्मी को कहा है : डॉ. करनैल सिंह
बच्चा वार्ड के इंचार्ज डॉ. करनैल ¨सह ने कहा कि वह पीजी डॉक्टर से बात कर रिडॉय का ट्रीटमेंट करवा रहे हैं। बच्चे को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। कॉकरोच हटवाने के लिए सफाई कर्मचारियों को कहा जा रहा है।