देर रात अचानक श्री हरिमंदिर साहिब नतमस्तक हुए मुख्यमंत्री चन्नी, रास्ते में जाम में फंसे
अमृतसर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए आए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार देर रात्रि श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने के लिए पहुंचे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : अमृतसर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए आए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार देर रात्रि श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने के लिए पहुंचे। बताया गया कि अचानक ही चन्नी ने अपने काफिले के सुरक्षा कर्मचारियों को श्री हरिमंदिर साहिब जाने के आदेश दे दिए। मुख्यमंत्री का काफिला शहर की भारी अव्यवस्थित ट्रैफिक में फंस गया। क्योंकि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में श्री हरिमंदिर साहिब जाने का कोई भी प्रोग्राम नहंी था। अचानक चन्नी द्वारा दिए आदेशों के कारण पुलिस प्रशासन भी श्री हरिमंदिर साहिब को जाने का न तो रूट ड्यूटी लगा सकता और न ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल कर पाया। इस के चलते उनका काफिला शहर के क्रिस्टल चौंक में बुरी तरह फंस गया। लम्बा समय ट्रैफिक में फंसे रहने के कारण उनका काफिला श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचा। गुरुघर के दर्शन करने के दौरान उन्होंने सुख शांति व चढ़दी कला के लिए अरदास की है। अध्यापकों ने सुबह की नारेबाजी
इससे पहले दिन में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का हेलीकाप्टर जीएनडीयू कैंपस में लैंड हुआ तो कालेज व यूनिवर्सिटी अध्यापकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि सख्त सुरक्षा प्रबंधो के चलते प्रदर्शनकारी कालेज व विश्वविद्यालय के अध्यापकों को पुलिस ने जीएनडीयू के मुख्य गेट से अंदर नहीं आने दिया। पंजाब व चंडीगढ़ कालेज टीचर यूनियन और यूनिवर्सिटी टीचर यूनियन पंजाब की अगुआई में अध्यापकों ने जीएनडीयू गेट के बाहर करीब सवा दो घंटे धरना देते हुए प्रदर्शन किया।
अध्यापक नेताओं गुरदास सिंह सेखों, प्रो बीबी यादव, प्रो दविदर सिंह, प्रो लखविदर सिंह, परमजीत सिंह रंधावा, प्रो. एनपीएस सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार जान-बूझकर कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर रही है। बहुत सारे कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। इसके चलते उनको सातवें वेतन आयोग के लाभ नहीं मिल रहे हैं। एडिड कालेजों की ग्रांट को समय पर जारी नहीं किया जा रहा है। खाली पोस्टों को भरने की जगह उनको खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अध्यापकों की मांगों को पंजाब सरकार ने तुरंत स्वीकार नहीं किया जो कालेज व विश्वविद्यालय के अध्यापक परीक्षाओं का बायकाट करने के लिए मजबूर होंगे।