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वैक्सीन नहीं लगेगी, असुविधा के लिए खेद है

कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रभावी मानी जा रही कोविशील्ड व कोवैक्सीन आम लोगों को नसीब नहीं हो रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:00 AM (IST)
वैक्सीन नहीं लगेगी, असुविधा के लिए खेद है
वैक्सीन नहीं लगेगी, असुविधा के लिए खेद है

जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रभावी मानी जा रही कोविशील्ड व कोवैक्सीन आम लोगों को नसीब नहीं हो रही। टीकाकरण की प्रक्रिया लगातार दम तोड़ती नजर आ रही है, क्योंकि सरकार द्वारा वैक्सीन का पूरा स्टाक नहीं भेजा जा रहा। शुक्रवार को जिले के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों सहित 150 वैक्सीन सेंटरों में टीकाकरण नहीं हुआ। प्रमुख अस्पतालों में सिविल अस्पताल, गुरु नानक देव अस्पताल व ईएसआइ अस्पताल शामिल हैं, जहां एक भी डोज नहीं लग पाई। हालांकि तीनों अस्पतालों में सुबह भारी संख्या में लोग टीका लगवाने के लिए पहुंच गए थे, पर जवाब मिला कि वैक्सीन नहीं है। सिविल अस्पताल स्थित वैक्सीन सेंटर के बाहर तो नोटिस चिपका दिया गया कि आज वैक्सीन नहीं लगेगी, असुविधा के लिए खेद है। लोग भी कहते नजर आए कि सरकार कितनी बार ऐसे नोटिस लगाएगी और लोगों को हर बार बैरंग वापस भेजती रहेगी।

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वैक्सीन संकट के बीच अमृतसर जिले में सिर्फ 18 से अधिक आयु वर्ग के श्रमिकों तथा इसी आयु वर्ग के उन लोगों को टीका लगाया गया जो विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। अमृतसर में कुल 830 डोज लगाई गई हैं। इनमें 254 श्रमिक जबकि 251 18 से 44 आयु वर्ग के वे लोग हैं जो विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। शेष वैक्सीन 45 से अधिक आयु के लोगों को लगाई गई।

जिले में अब 8900 कोविशिल्ड वैक्सीन है जो राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए तथा 18 प्लस बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए भेजी गई है। इसके अलावा कोवैक्सीन का 5000 का स्टाक शेष है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा कोवैक्सीन की सप्लाई न किए जाने की वजह से अब स्टाक खत्म हो चुका है। इससे आने वाले दिनों में टीकाकरण की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। पिछले एक सप्ताह से प्रभावित हो भी रही है। बेहद कम सीमित संख्या में टीकाकरण किया जा रहा है।

यहां बताना जरूरी है कि सरकार ने अप्रैल में यह घोषणा की थी कि तीन महीनों के भीतर ही 70 फीसद आबादी का टीकाकरण कर दिया जाएगा, लेकिन अमृतसर में यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा।


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