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जलियांवाला बाग में एंट्री फीस पर केंद्र निशाने पर, कांग्रेस ने लगाया धरना

शहीद स्थल जलियांवाला बाग में एंट्री फीस लगाने का तीखा विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने बाग में प्रवेश पाने के लिए दस रुपये टिकट लगाने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 01:16 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:13 AM (IST)
जलियांवाला बाग में एंट्री फीस पर केंद्र निशाने पर, कांग्रेस ने लगाया धरना
जलियांवाला बाग में एंट्री फीस पर केंद्र निशाने पर, कांग्रेस ने लगाया धरना

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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शहीद स्थल जलियांवाला बाग में एंट्री फीस लगाने का तीखा विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने बाग में प्रवेश पाने के लिए दस रुपये टिकट लगाने का फैसला लिया है। जलियांवाला बाग नरसंहार में शहीद हुए लोगों के परिवारों व वेयर हाउस के चेयरमैन तथा विधायक डॉ. राजकुमार वेरका ने मंगलवार को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे जलियांवाला बाग में पहुंचे डॉ. राजकुमार वेरका ने शहीद परिवारों के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

डॉ. वेरका ने एंट्री टैक्स को जजिया की संज्ञा दी। कहा, केंद्र सरकार ने जलियांवाला बाग के प्रवेश द्वार पर ही जजिया वसूलने के लिए काउंटर बना दिया है। इस काउंटर के पीछे शहीद ऊधम सिंह की विशालकाय प्रतिमा है। सरकार को जरा भी शर्म न आई कि शहीदों की इस पावन स्थली को कमाई को जरिया बना रही है। जलियांवाला बाग में देश विदेश से लोग नतमस्तक होने आते हैं। शहादत की शौर्य गाथा के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं, पर सरकार शहीदों के इतिहास को बेचने जा रही है। हम यह जजिया नहीं लगने देंगे, शहीदों के खून का सौदा नहीं होने देंगे।

डॉ. वेरका ने कहा कि हैरानगी यह है कि देश के सभी सांसद, राजनेता खामोश हैं। क्यों उनका खून नहीं खौल रहा। केंद्र सरकार को पंद्रह दिन का समय दे रहे हैं। यदि सरकार ने अपना फैसला बदला तो 1 फरवरी से सरकार के खिलाफ जलियांवाला बाग आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसमें शहीद परिवारों के साथ-साथ देश की युवा पीढ़ी भी शामिल होगी। इस अवसर पर सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, पंजाब कांग्रेस के सेक्रेट्री डॉ. सुभाष थोबा उपस्थित थे।

इतिहास से छेड़छाड़ कर रही केंद्र सरकार

जलियांवाला बाग सुंदरीकरण के नाम पर इस पावन स्थल का अस्तित्व खत्म किया जा रहा है। डॉ. वेरका ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक शहीदी कुएं का ध्वस्त कर दिया। यह कुआं इस ऐतिहासिक घटना का गवाह था। मैंने इसके विरोध में एफआइआर दर्ज करवाई थी, मगर केंद्र सरकार जाग नहीं रही। सरकार को जगाने के लिए आज देश की युवा पीढ़ी को एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा। दस दिन बाद तोड़ दूंगा टिकट काउंटर : आदित्य दत्ती

इसी बीच यूथ कांग्रेस के प्रधान आदित्य दत्ती ने भी अपने समर्थकों के साथ जलियांवाला बाग के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि शहीद ऊधम सिंह की प्रतिमा के सामने बनाए गए टिकट काउंटर को न हटाया गया तो वे दस दिन बाद अपने कार्यकर्ताओं के साथ इस काउंटर को तोड़ देंगे। केंद्र सरकार ने तो हद कर दी। जलियांवाला बाग में आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोग भी आते हैं। वे टिकट के पैसे कहां से लाएंगे। इस अवसर पर पंजाब यूथ कांग्रेस के इंचार्ज बंटी शैलेज, गुरभेज सिंह, सोनू दत्ती, गुरजीत संधू, सतनाम सिंह, जतिन कुमार भोला, आनंदित पाठक, सावन जोशी उपस्थित थे। शहीद परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट का हिस्सा क्यों नहीं बनाते

जलियांवाला बाग फ्रीडम फाइटर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कपूर ने कहा कि उनके परदादा लाला वासुमल जी ने जलियांवाला बाग में शहादत दी थी। केंद्र सरकार शहीदी का यह सिला दे रही है। जलियांवाला बाग में तो धार्मिक ग्रंथों का प्रकाश होना चाहिए। यहां यूनिटी टेंपल बनाया जाए, जिसमें सभी धर्मों से संबंधित लोग शहीदों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना करें। केंद्र सरकार शहीदों का तिरस्कार कर रही है। इससे तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। सुनील कपूर ने कहा कि सरकार ने शहीद परिवारों को कभी जलियांवाला बाग ट्रस्ट का सदस्य नहीं बनाया। इन परिवारों की भावनाओं से सरकार ने हमेशा खिलवाड़ किया। हिदुस्तान की सरकार शहीद परिवारों की संवेदनाओं को समझे।


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