एजीए हेरिटेज क्लब के सीए ने वित्तीय हिसाब में पाई त्रुटियां
एजीए हेरिटेज क्लब गांधी ग्राउंड के लगभग पिछले सात साल से चुनाव ना होने की वजह से वित्तीय हिसाब में त्रुटियां पाई हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
एजीए हेरिटेज क्लब गांधी ग्राउंड के लगभग पिछले सात साल से चुनाव ना होने की वजह से वित्तीय हिसाब में त्रुटियां पाई हैं। इन्हें दूर करने में सहयोग नहीं मिल रहा। क्लब के चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) राजन कुमार ने क्लब के प्रेजीडेंट यानी डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है।
उन्होंने कहा कि तीन जुलाई 2020 को ऑडिट करने पर सामने आया है कि क्लब की कैश बुक में नकद 539,912 रुपये हैं, जबकि वास्तविक कैश 883 रुपये पाए गए हैं। कैंटीन के समझौते के प्रावधानों के अनुसार बिलिग नहीं हुई, जिससे क्लब को नुक्सान हुआ है। यह भी सामने आया है कि कोल्ड ड्रिक्स कैटरर को उसी भाव में बेच दिए गए, जिसका लाभ कैटरर को हुआ। शराब के स्टॉक रिकार्ड्स भी नहीं दिए गए हैं। क्लब के नवीनीकरण पर 70-80 लाख रुपये बिना कार्यकारिणी समिति की मंजूरी खर्च हुए हैं और 95 फीसद रकम नकद खर्च हुई है, जो आयकर अधिनियम के प्रावधान के खिलाफ है। कर्मचारियों से काटा प्रोवीडेंट फंड (पीएफ) और इंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन (ईएसआइसी) का पैसा सरकार के खाते में जमा नहीं करवाया गया, जो लगभग 8.60 लाख रुपए ब्याज और जुर्माना राशि अभी क्लब की देनदारी है।
हिसाब की त्रुटियां करवाई दूर
कोरोना महामारी का प्रकोप टलते ही होंगे चुनाव
क्लब के सचिव रोहित लखनपाल का कहना है कि क्लब के वित्तीय हिसाब में त्रुटियां दूर करवाई जा चुकी हैं। अब हिसाब बिल्कुल ठीक हो गया है। कोविड-19 की वजह से क्लब के अकाउंट अधिकारी (एओ) एमएम नंदा क्लब नहीं आ रहे थे। जिसके चलते कुछ गलतफहमी हो गई जिसे दूर कर दिया गया है। क्योंकि क्लब के हिसाब का सारा रिकॉर्ड उन्हीं के पास था। लखनपाल ने कहा कि क्लब के नवीनीकरण पर हुए खर्च की बकायदा मंजूरी लेकर ही काम करवाया गया है। इसका सारा रिकॉर्ड उनके पास है। क्लब के चुनाव को लेकर 18 अप्रैल 2020 शेडयूल घोषित कर दिया गया था। कोविड-19 की वजह से चुनाव नहीं हो सके। महामारी का प्रकोप टलते ही चुनाव करवाए जाएंगे। वहीं
ऑफिस बियरर पर केस दर्ज करवाया जाए : पीसी शर्मा
दूसरी तरफ आरटीआइ एक्टिविस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता पीसी शर्मा का कहना है कि गरीब कर्मचारियों के साथ जो धोखा हुआ है, यह बहुत बड़ा अन्याय है। उनका कहना है कि जिलाधिकारी को चाहिए कि वो ऑफिस बियरर पर केस दर्ज करवाएं, ताकि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा सामने ना आए।