ग्राहकों के इंतजार में रहती है नजरें, मंदी से कर्ज में डूब रहे दुकानदार
शास्त्री मार्केट की अपनी एक अलग पहचान है। इस मार्केट में कोविड के हालात के कारण इस समय मंदी का दौर चल रहा है।
कमल कोहली, अमनदीप सिंह, अमृतसर: अमृतसर का व्यापारिक केंद्र शास्त्री मार्केट की अपनी एक अलग पहचान है। इस मार्केट में रोजाना करोड़ों रुपये का व्यापार होता है, लेकिन कोविड के हालात के कारण इस समय मंदी का दौर चल रहा है। जिन दुकानदारों के पास तीन से चार का स्टाफ होता था, वहां पर एक ही कर्मी रह गया है। सारा दिन ग्राहकों के इंतजार में नजरें लगी रहती हैं। पर आते नाममात्र ही है। कई दुकानदारों का कहना है कि अब तो खर्चे निकलना भी मुश्किल है। दुकान में लगाई हुई पूंजी को ही समाप्त कर रहे हैं। चाहे केंद्र की सरकार हो या पंजाब की, किसी ने व्यापारियों की कोई मदद नहीं की है और ना ही उनसे कोई उम्मीद है। बाजार में ग्राहक नाममात्र ही रह गया है। दुकानों में लगे कर्मचारी तो बेकार हुए हैं। अब तो कारोबारी भी इसी कतार में खड़े हो गए हैं। हर दुकानदार कर्जे में डूबता जा रहा है। सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार को कारोबार करने वाले लोगों की कोई फिक्र नहीं है। दुकानदार मंदी के दौर में खुद ही खर्चा कर रहे हैं। दुकान में लगाई हुई पूंजी ही अब हमारी जीविका का साधन बन चुकी है।
- राजीव कुमार, दुकानदार काम बिल्कुल नहीं है। मंदी छाई हुई है। दुकानों के किराये भी देने पड़ते हैं। सारा दिन में एक भी ग्राहक नहीं आता है। खर्चे निकलना काफी मुश्किल है। समस्या गंभीर होती जा रही है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो दुकानदारों को अपनी जीविका कमानी भी मुश्किल हो जाएगी।
- राजकुमार वधवा, दुकानदार कारोबार अब सिर्फ 30 प्रतिशत ही रह गया है जिससे खर्चे निकलना मुश्किल है। दुकानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन देना भी समस्या बनता जा रहा है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
-अनिल कपूर, दुकानदार बाजार में पार्किंग स्थल न होने के कारण भी इस बाजार में अब ग्राहकों की कमी होती जा रही है। जिससे दुकानदारों को मंदी के दौर में गुजारना पड़ रहा है। सरकार को दुकानदारों को विशेष आर्थिक पैकेज देना चाहिए।
- सुभाष तलवाड़, दुकानदार दुकान में पहले कई कर्मचारी रखे हुए थे, पर अब उनको मजबूरन निकालना पड़ा है। यह कोविड के कारण ठप हुए कारोबार का ही असर है। खुद के खर्चे नहीं निकल रहे तो दुकानों के खर्चे कैसे निकालेंगे।
- अश्विनी कुमार, दुकानदार समस्या गंभीर बनती जा रही है किसी भी सरकार ने कोई मदद नहीं की है। दुकानदार कर्ज के बोझ में दबे जा रहे हैं। कर्मचारियों का खर्चा निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। यदि हालात ऐसे रहे तो काफी लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
- अरुण उप्पल, दुकानदार टूरिस्ट न आने के कारण व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है। जब तक टूरिस्ट का आवागमन बढ़ेगा नहीं तब तक मंदी का दौर बाजारों में रहेगा। इस समय लोगों के पास परचेजिग पावर की कमी है। सरकार को भी दुकानदारों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए।
- अनिल उप्पल, दुकानदार इस समय कोविड-19 की मार सभी दुकानदारों को पड़ी है। सरकार को दुकानदारों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। दुकानों के खर्चे निकालना मुश्किल हो गया है। टैक्स समय से लेती है सरकार पर सुविधा कोई नहीं देती है।
- राकेश खन्ना, दुकानदार अमृतसर में ज्यादातर व्यापार टूरिस्ट के सहारे हैं यदि टूरिस्ट नहीं है तो व्यापार भी नहीं है। इस समय सिर्फ दुकान पर बैठकर ही दुकानदार समय व्यतीत कर रहे हैं। सरकार ने कोई सहायता नहीं दी है। डीजल पेट्रोल महंगा है जिससे हर एक वस्तु महंगी हो रही है।
- अविनाश कुमार, दुकानदार यह सीजन मंदी के दौर में चला गया है। खर्चे निकालना मुश्किल है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो घर के खर्चे भी निकालना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को दुकानदारों को विशेष पैकेज देना चाहिए।
- प्रेम कुमार, दुकानदार