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पूर्व सेहतमंत्री के बेटे को केंद्रीय, शिअद छोड़ आए मन्ना को बाबा बकाला को टिकट

भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक लंबित चली आ रही अपनी सीटों की घोषणा कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 06:59 AM (IST)
पूर्व सेहतमंत्री के बेटे को केंद्रीय, शिअद छोड़ आए मन्ना को बाबा बकाला को टिकट
पूर्व सेहतमंत्री के बेटे को केंद्रीय, शिअद छोड़ आए मन्ना को बाबा बकाला को टिकट

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक लंबित चली आ रही अपनी सीटों की घोषणा कर दी है। शहर के सबसे अहम विधानसभा हलका केंद्रीय से उन्होंने पूर्व सेहत मंत्री डा. बलदेव राज चावला के बेटे डा. राम चावला को मैदान में उतारा है। शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक मंजीत सिंह मन्ना को बाबा बकाला से प्रत्याशी बनाया गया है। वे अकाली दल द्वारा बलजीत सिंह जलालउसमा को टिकट दिए जाने से खिन्न थे, वहीं पंजाब लोक कांग्रेस ने जंडियाला गुरु से पूर्व विधायक मलकीयत सिंह एआर के बेटे गगनदीप सिंह एआर को टिकट दिया है। गगनदीप बाबा बकाला से भाजप की टिकट की दौड़ में थे। विधानसभा हलका केंद्रीय.. कांग्रेस-भाजपा का नेक टू नेक मुकाबला

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भाजपा प्रत्याशी डा. राम चावला बचपन से रा‌र्ष्टीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक है। उनके पिता डा. बलदेव राज चावला डिप्टी स्पीकार और सेहतमंत्री रह चुके है। डा. राम भाजपा के महासचिव के अलावा विभिन्न पदों पर काम कर चुके है। वर्तमान में वह उपाध्यक्ष है, उन्होंने निगम चुनाव लड़ा था, पर वह हार गए। बता दे कि विधानसभा हलका केंद्रीय में कांग्रेस ने 1951,1972,1980,1985,2002,2012,2017 में में जीत दर्ज की, जबकि भाजपा व जनसंघ ने छह बार 1967,1969,1977,1992,1997, 2007 में जीती। इनमें होगी टक्कर

कांग्रेस : ओम प्रकाश सोनी : 1997 से लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे है। 1997 व 2002 में वह आजाद प्रत्याशी के रूप में विधानसभा हलका पश्चिमी से जीते और 2007 में कांग्रेस की टिकट पर जीतते हुए हैट्रिक बना चुके है।

अकाली दल-बसपा : दलबीर कौर : भगवान वाल्मीकि तीर्थ गुरु ज्ञाननाथ आश्रम के रा‌र्ष्टीय अध्यक्ष भूपिदर सिंह सोनू की माता है। पूर्व पार्षद रही है।

आम आदमी पार्टी : डा. अजय गुप्ता : हलके में दूसरी बार चुनाव लड़ रहे है। 2017 के चुनाव में उन्हें 7171 यानी 7.35 प्रतिशत वोट पड़े थे। विधानसभा हलका बाबा बकाला.. मन्ना को टिकट दि.या

विधानसभा हलका बाबा बकाला से भाजपा ने अकाली दल छोड़ भाजपा में आए पूर्व विधायक मंजीत सिंह मन्ना को प्रत्याशी बनाया है। मन्ना दो बार विधायक रहे है। इस बार भी वह अकाली दल से बाबा बकाला से टिकट मांग रहे थे, पर शिअद उन्हें जंडियाला गुरु भेजना चाहता था। शिअद द्वारा बलजीत सिंह जलालउसमा को टिकट दिए जाने के विरोध में उन्होंने वीरवार सुबह अकाली दल से इस्तीफा दिया और देररात उनकी टिकट की घोषणा कर दी गई। हलके में साल 1951 से लेकर अब तक 15 विधानसभा चुनाव हो चुके है। सभी चुनावों में अब तक कांग्रेस की आठ बार, शिअद की छह बार जीत हुई है। जबकि एक बार आजाद प्रत्याशी की ओर से जीत दर्ज की गई है। बता दे कि पहले इस हलके का नाम ब्यास था। जिसके बाद हलकाबंदी के दौरान साल 2012 में इसका नाम बदल कर हलका बाबा बकाला साहिब रिजर्व रख दिया गया। इनमें होगी टक्कर

कांग्रेस : संतोख सिंह भलाईपुर : 2017 में हलके से विधायक चुने गए थे और इस बार फिर से कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है।

अकाली दल : बलजीत सिंह जलालउसमा : जंडियाला गुरु से पूर्व विधायक रहे है। राइट टू सर्विस के कमिश्नर और एसजीपीसी सदस्य रहे है।

आम आदमी पार्टी : दिलबीर सिंह टोंग : 2017 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और हलके में दूसरे नंबर पर रहे थे। विधानसभा हलका जंडियाला गुरु.. मलकीयत एआर के बेटे को टिकट दिया

पीएलसी-भाजपा गठबंधन विधानसभा हलका जंडियाला गुरु से पूर्व विधायक मलकीयत सिंह एआर के बेटे गगनदीप सिंह एआर को टिकट दिया है। गगनदीप पहली बार चुनाव मैदान में उतरे है। जून 2021 में भाजपा का दामन उन्होंने थामा था। विस हलका जंडियाला गुरु में 1962 से हलके में हुए अभी तक के चुनाव में 1962 में सिर्फ सीपीआई के मक्शन सिंह ने जीत दर्ज की थी। 1967 में कांग्रेस के ए सिंह ने जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस का खाता तो खोला, उसके उसके बार लगातार पांच बार 1969, 1972, 1977, 1980,1985 तक अकाली दल ने जीत दर्ज की। अकाली दल की जीत का सिलसिला सरदूल सिंह बंडाला ने 1992 में तोड़ा। पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे बंडाला ने 1997 में हार गए और 2002 में दोबारा जीत दर्ज करते हुए सरकार में मंत्री बने। उसके बार 2007 और 2012 में फिर से अकाली दल की जीत का सिलसिला जारी रहा। लेकिन अकाली दल की होने वाली हैट्रिक को बंडाला के बेटे सुखविदर सिंह डैनी बंडाला ने 2017 में रोका और यहां से विधायक बने।

इनमें होगी टक्कर

कांग्रेस : सुखविदर सिंह डैनी : 2017 में चुनाव लड़ा और विधायक बने। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रधान भी है।

अकाली दल : सतिदरजीत सिंह छज्जलवड्डी : पूर्व विधायक रणजीत सिंह छज्जलवड्डी के बेटे है और पहली बार चुनाव लड़ रहे है।

आम आदमी पार्टी : पूर्व ईटीओ हरभजन सिंह : 2017 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब आप को 27.17 फीसद वोट मिले थे।


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