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भाजपा ने विधानसभा हलका पश्चिमी, अटारी, मजीठा में खोले पत्ते, पूर्वी व केंद्रीय पर सस्पेंस बरकरार

भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीरवार को जारी की गई दूसरी सूची में विधानसभा हलका पश्चिमी में एडवोकेट कुमार अमित अटारी में बलविदर कौर और मजीठा में प्रदीप सिंह भुल्लर को प्रत्याशी बनाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:00 AM (IST)
भाजपा ने विधानसभा हलका पश्चिमी, अटारी, मजीठा में खोले पत्ते, पूर्वी व केंद्रीय पर सस्पेंस बरकरार
भाजपा ने विधानसभा हलका पश्चिमी, अटारी, मजीठा में खोले पत्ते, पूर्वी व केंद्रीय पर सस्पेंस बरकरार

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीरवार को जारी की गई दूसरी सूची में विधानसभा हलका पश्चिमी में एडवोकेट कुमार अमित, अटारी में बलविदर कौर और मजीठा में प्रदीप सिंह भुल्लर को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने इन सीटों पर तो पत्ते खोल दिए हैं, पर दोनों अहम सीटों अमृतसर पूर्वी व केंद्रीय से अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। पूर्वी में नवजोत सिंह सिद्धू और केंद्रीय में ओम प्रकाश सोनी के खिलाफ भाजपा को बड़े चेहरों की दरकार है। सिद्धू सेलिब्रेटी हैं तो एमपी सहित अभी तक पांच चुनाव जीत चुके हैं। सोनी 1997 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। यह उनका छठा चुनाव है। विधानसभा हलका पश्चिमी.. पश्चिमी में कांग्रेस की जीत का रथ रोकना चुनौती

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एडवोकेट कुमार अमित को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। कुमार अमित 2013 से भाजपा में सक्रिय है और भाजपा युवा मोर्चा लीगल सैल के कन्वीनर रहे हैं। वह तीन बार जिला उपाध्यक्ष बने। विधानसभा हलका पश्चिमी में वह और उनके पिता पूर्व एसपी व भाजपा के अनुसूचित जाति के बड़े नेता केवल कुमार सक्रिय रहे हैं। पश्चिमी में कांग्रेस की जीत की बढ़त बनी हुई है। 1951 से अब तक कांग्रेस छह बार 1951, 1980,1985,2007,2012,2017 में विजयी रही तो सीपीआइ ने पांच बार 1951, 1980,1985,2007,2012,2017 जीत दर्ज की। चार बार लगातार सतपाल डांग जीते, जबकि 1992 में उनकी पत्नी विमला डांग ने जीत दर्ज की। सोनी 1997 व 2002 आजाद रूप से जीते और दो बार भाजपा के बलराम दास टंडन ने भाजपा 1957 व 1962 में जीत दर्ज की। इनमें होगी टक्कर

-कांग्रेस : डा. राजकुमार वेरका : 2012 व 2017 का चुनाव लगातार जीते हैं। इस बार वह हैट्रिक के लिए मैदान में उतरे हैं। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और एससी एसटी कमीशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं।

-अकाली दल : अकाली दल ने पूर्व विधायक डा. दलबीर सिंह वेरका को मैदान में उतारा है। वह वेरका विधानसभा हलके से भी एक बार विधायक रह चुके हैं।

-आम आदमी पार्टी : आप ने ने इस बार डा. जसबीर सिंह को मैदान में उतारा है। 2017 के चुनाव में आप को हलके में 23.17 फीसद वोट पड़े थे। विधानसभा अटारी.. भाजपा देहाती के महासचिव देवगन की पत्नी हैं बलविंदर कौर

विधानसभा हलका अटारी से भाजपा ने बलविदर कौर को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह भाजपा देहाती के महासचिव सुशील देवगन की पत्नी है। 25 साल तक सरकारी अस्पताल अमृतसर में स्टाफ नर्स रही। सामाजिक कार्यकर्ता रही और भाजपा ज्वाइन करने के साथ ही उन्होंने प्री मेच्युर रिटायरमेंट ले ली थी। अटारी हलके की बात करें तो यहां कम्युनिट पार्टी का अच्छा खासा वोटबैंक रहा। यही वजह रही कि 1969,1977 व 1980 में सीपीएम जीतती रही। उसके बाद यह लगातार नीचे पायदान पर खिसकती रही। 2017 के विधानसभा चुनाव में सीपीआइ को मात्र 1.97 फीसद वोट मिले। हलके में पांच बार अकाली दल 1985,1997,2002,2007,2012 विजयी रहा। कांग्रेस ने 1967,1972,1992,2017 में चार बार जीत दर्ज की। भाजपा पहली बार चुनाव मैदान में उतरी है। इनमें होगी टक्कर

अकाली दल : गुलजार सिंह रणीके : 1997 से लेकर 2012 तक लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते। अकाली सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे।

आम आदमी पार्टी : पूर्व एडीसी जसविदर सिंह : वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

कांग्रेस : कांग्रेस ने अभी इस हलके से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। विधानसभा हलका मजीठा..कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में आए भुल्लर, लाली के हैं करीबी

भाजपा ने मजीठा विधानसभा हलके में प्रदीप सिंह भुल्लर को अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है। भुल्लर पनग्रेन के चेयरमेन रहे हैं और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखजिदर राज सिंह लाली मजीठिया के करीबी थे। वहीं कुछ दिन पहले उन्होंने लाली मजीठिया के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन भुल्लर आप में शामिल नहीं हुए थे। कुछ दिन पहले कांग्रेस देहात के जिलाध्यक्ष भगवंत पाल सिंह सच्चर भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन वह फिर कांग्रेस में लौट गए। वहीं भुल्लर बीजेपी में ही रहे थे, जिसकी बदौलत बीजेपी ने उन्हें पार्टी के टिकट से नवाजा। भुल्लर ने जिला परिषद का चुनाव भी लड़ा था, जहां से उन्हें शिरोमणि अकाली दल से हार का सामना करना पड़ा था। बता दे कि 65 सालों में विधानसभा हलका मजीठा में हुए 14 चुनावों में अब तक अकाली दल का पलड़ा भारी रहा है। अकाली दल ने सात बार और कांग्रेस ने पांच बार यहां से जीत दर्ज की। इनमें होगी टक्कर

अकाली दल : बिक्रम सिंह मजीठिया : 2007 से लगातार तीन बार विधानसभा का चुनाव जीते और अब चौथीबार मैदान में है। अकाली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और शिअद के महासचिव है।

कांग्रेस : जगविदर सिंह जग्गा मजीठिया : नगर कौंसिल मजीठा के पार्षद रहे है और यूथ कांग्रेस के महासचिव भी रहे है। आप प्रत्याशी लाली मजीठिया के चचेरी भाई है।

आम आदमी पार्टी : सुखजिदर राज सिंह लाली मजीठिया : 2012 में आजाद तो 2017 में कांग्रेस की टिकट पर मजीठा से चुनाव लड़ चुके है ओर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।


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