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विधानसभा हलका दक्षिणी: भगतांवाला से न डंप शिफ्ट हुआ, न ही कूड़े का पहाड़ खत्म हो सका

विधानसभा हलका दक्षिणी में सालों से लोग भगतावाला कूंडा डंप का दंश झेल रहे है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:00 AM (IST)
विधानसभा हलका दक्षिणी: भगतांवाला से न डंप शिफ्ट हुआ, न ही कूड़े का पहाड़ खत्म हो सका
विधानसभा हलका दक्षिणी: भगतांवाला से न डंप शिफ्ट हुआ, न ही कूड़े का पहाड़ खत्म हो सका

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: विधानसभा हलका दक्षिणी में सालों से लोग भगतावाला कूंडा डंप का दंश झेल रहे है। विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने कूड़ा डंप शिफ्ट करने की घोषणा की थी। कांग्रेस सरकार बनने पर डंप तो शिफ्ट हुआ नहीं, पर निकायमंत्री बने नवजोत सिंह सिद्धू ने छह माह डंप से कूड़ा खत्म करने की बात कही थी, पर तीन साल बीत जानने के बाद वह भी संभव नहीं हो पाया।

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28 जनवरी 2019 को भगतांवाला डंप पर ही प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सिद्धू ने घोषणा की थी कि बायो रेमिडेशन प्लांट के तीन यूनिट लगाकर डंप खत्म पर पार्क बनाया जाएगा। डंप पर जमा हुआ कूड़ा छह माह में खत्म कर दिया जाएगा। तत्कालीन मंत्री सिद्धू और निगम कमिश्नर सोनाली गिरी ने कूड़े से रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) बनाने की बात कही थी। इसके अगले महीने फरवरी 2019 में डंप पर बायो रेमिडेशन का काम शुरू किया गया था, जोकि एक महीने बाद ही रोक दिया गया था। दो बार फिर काम शुरू करके बंद किया गया। तब तत्कालीन कंपनी ने निगम से पूरी पेमेंट नहीं मिलने का हवाला दिया था। जून से दोबारा बायो रेमिडेशन शुरू की गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) की फटकार के बाद काम में तेजी लाई गई थी। इसमें कंपनी ने 7 लाइनें लगाई थी। मार्च के पहले हफ्ते में डंप पर आग लगने के दौरान एक लाइन जल गई थी। डंप पर 6 ट्रॉमिल और एक बैलास्टिक सेपरेटर मशीन लगाई गई थी, जबकि वर्तमान में चार के करीब मशीनें चल रही हैं। कंपनी फिलहाल डीजल पर मशीनें चलाकर बायो रेमिडेशन कर रही है। वहीं बिजली कनेक्शन मिलने के बाद दो शिफ्टों में दो हजार मीट्रिक टन कूड़े की रोजाना बायो रेमिडेशन करने की योजना है। 10 लाख टन कूड़े में से पौने तीन लाख ही हुआ खत्म

भगतांवाला डंप पर खड़े 10 लाख मीट्रिक टन कूड़े में से ढाई साल के अंदर पौने 3 लाख मीट्रिक टन की बायो रेमिडेशन हो चुकी है। डंप पर लगे कूड़े के पहाड़ में 27 फीसद कमी आई है। वहीं रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) की बिक्री शुरू से 7 महीनों में 1.55 मीट्रिक टन कूड़े का निपटारा हुआ है। नोएडा की कंपनी ने अमृतसर म्युनिसिपल सालिड वेस्ट कंपनी से आरडीएफ लेना शुरू किया था। वर्तमान में डंप पर बायोरेमिडेशन की रफ्तार आधी रह गई है, अब रोजाना 500 मीट्रिक टन कूड़े की ही बायोरेमिडेशन हो रही है। इस स्पीड से काम चला तो डंप खाली होने में 4 साल लग जाएंगे। वहीं इससे पहले पिछले साल सितंबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक रोजाना 1400 से लेकर 1800 मीट्रिक टन कूड़े की बॉयो रेमिडेशन होती रही है। डंप पर चारदीवारी के अलावा बने कंपोस्ट पैड

डंप पर शहर की 85 वार्डो से रोजाना 415 मीट्रिक टन कूड़ा पहुंच रहा है। इसमें वाल्ड सिटी के बाहर की 75 वार्डों से 335 मीट्रिक टन और वाल्ड सिटी की 10 वार्डो में से 80 टन कूड़ा निकल रहा है। डंप पर वर्तमान में करीब 50 हजार मीट्रिक टन आरडीएफ पड़ा है, वहीं 26 हजार टन के करीब बिक्री हो चुकी है। नोएडा की कंपनी आरडीएफ लेकर जाती रही है। एनजीटी की हिदायतों पर निगम ने डंप पर चारदीवारी करवाने के साथ ही डेढ़ एकड़ में कंपोस्ट पैड बनाया है। अब आगे लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की तैयारी है। भगतांवाला में प्लांट लगाने की एनओसी जारी

पिछले तीन दशक से कूड़ा डंप के तौर पर उपयोग की जा रही भगतावाला की 28 एकड़ जगह पर सालेड वेस्ट प्लांट लगाए जाने की योजना हैं। यहां प्लाट लगाने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से लेकर पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से निगम को एनओसी (नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट) तक जारी हो चुकी है। डंप को लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन भी पिछले काफी समय से जारी हैं। एनओसी मिलने की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने तो स्पष्ट कर दिया था कि प्लांट भगतांवाला में ही लगेगा। पूरी नहीं हुई बाहर डंप की तलाश

शहर के कूड़े का बोझ सह रहे भगतावाला कूड़ा डंप को शहर से बाहर शिफ्ट करने की विधानसभा चुनाव में घोषणा हुई। तब के निकायमंत्री सिद्धू ने जीटी रोड पर ब्यास के आसपास 100 एकड़ में डंप की जगह ढूंढ़ने के निर्देश दिए थे, ताकि अमृतसर और जालंधर का कूड़ा एक ही जगह पर डंप हो जाता, पर यह भी सिरे नहीं चढ़ा। जीटी रोड पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एक जगह ढूंढी गई थी। वह जगह शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर थी। इसकी ट्रांसपोर्टेशन बजट से बाहर थी, सो उस पर भी सहमति नहीं बनी। तरनतारन रोड पर वन विभाग की एक जगह भी देखी गई है, लेकिन इसे भी वन विभाग से लेने में सरकार विफल रही। 2022 तक खत्म हो जाएगा कूड़ा : रिषी

नगर निगम कमिश्नर संदीप रिषी ने बताया कि भगतांवाला डंप से पौने तीन लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़े की बॉयो रेमिडेशन हो चुकी है। फिलहाल बरसात की वजह से बायो रेमिडेशन घटी है। कंपनी को बायो रेमिडेशन की स्पीड बढ़ाने को कहा है। जिसमें कंपनी ने पूरी कैपेसिटी से बॉयो रेमिडेशन शुरू करने का भरोसा दिलाया है। कंपनी को अक्टूबर 2022 तक कूड़े को खत्म करने का टारगेट दिया हुआ है। हमारे प्रत्याशी

बुलारिया चौथी बार मैदान में, शिअद से तलबीर और आप से डा. निज्जर

विधानसभा हलका 2022 के लिए कांग्रेस ने दोबारा वर्तमान विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया को ही मैदान में उतारा है। बुलारिया चौथी बार चुनाव लड़ने जा रहे है। वही इस हलके से शिरोमणि अकाली दल बसपा गठबंधन ने तलबीर सिंह गिल और आम आदमी पार्टी (आप) ने डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा द्वारा इस सीट पर अभी प्रत्याशी घोषित किया जाना बाकी है। वही कैप्टन अमरिदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस से पूर्व विधायक हरजिदर सिंह ठेकेदार टिकट के चाहवानों में से एक है। सियासी समीकरण

घर-घर जाकर संपर्क साध रहे प्रत्याशी और समर्थक

हलके के सियासी समीकरणों की बात करें तो नुक्कड़ मीटिगों के अलावा अभी तक घोषित प्रत्याशी और उनके समर्थक घर-घर जाकर लोगों से संपर्क साध रहे है। बड़ी सभाओं पर रोक होने की वजह से इंटरनेट मीडिया को भी सभी ने चुनाव प्रचार का हथियार बनाया हुआ है।


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