बीबीके डीएवी कालेज की छात्राओं ने जीती राष्ट्रीय आनलाइन क्विज प्रतियोगिता
बीबीके डीएवी कॉलेज फार विमेन के पंजाबी विभाग की छात्राओं ने बेबे नानकी यूनिवर्सिटी मिठड़ा कपूरथला द्वारा आयोजित श्री गुरू तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व को समर्पित राष्ट्रीय आनलाइन क्विज प्रतियोगिता में सहभागिता ली।
अमृतसर: बीबीके डीएवी कॉलेज फार विमेन के पंजाबी विभाग की छात्राओं ने बेबे नानकी यूनिवर्सिटी मिठड़ा, कपूरथला द्वारा आयोजित श्री गुरू तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व को समर्पित राष्ट्रीय आनलाइन क्विज प्रतियोगिता में सहभागिता ली। जिसमें श्री गुरू तेग बहादुर जी के जीवन, बाणी, शहादत और जीवन दर्शन एवं योगदान संबंधी प्रश्न पूछे गए। इस मुकाबले में 22 कालेजों के 79 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। बीबीके डीएवी की एमए (पंजाबी) की छात्रा नवदीप ने प्रथम स्थान एवं भिदर कौर बीए सेमेस्टर पांच ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रिसिपल डा. पुष्पिदर वालिया शर्मा ने छात्राओं और पंजाबी विभाग को शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में भी ऐसा प्रदर्शन जारी रखने की कामना की। निबंध लेखन प्रतियोगिता करवाई
डीएवी कालेज आफ एजूकेशन फार वूमेन की ओर से महात्मा हंसराज व दयानंद सरस्वती पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। करीब 24 छात्राओं ने इस प्रतियोगिता में शिरकत की। निबंध लेखन का आयोजन महर्षि दयानंद सरस्वती व महात्मा हंसराज जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में किया गया था। प्रतियोगिता के प्रमुख आयोजक डा. रुमिता अरोड़ा, डा. गुरप्रीत, सविता व अमरदीप थे। डा. रुमिता अरोड़ा ने स्वामी दयानंद सरस्वती व महात्मा हंसराज जी के जीवन से अमूल्य शिक्षाएं लेने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलना चाहिए जिससे हमारा जीवन सार्थक हो सके। डीएवी ने चंद्रशेखर आजाद की शहादत को किया सलाम
डीएवी कालेज के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट आफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म ने चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए आनलाइन वेबिनार करवाया। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर इतिहासकार संजय कपूर थे। संजय कपूर ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद ने देश भर में अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया था। काकोरी कांड, सांडर्स हत्याकांड व बटुकेश्वर दत्त व भगत सिंह का असेंबली बमकांड उनके कुछ प्रमुख अभियान रहे हैं। इस मौके पर प्रो. वाणी शर्मा, प्रो. सौंदर्य कोछड़, प्रो. फेरी भाटिया आदि मौजूद थे।