बंदिशों की अवधि बढ़ा रही सरकार, होटल इंडस्ट्री लाइसेंस फीस में चाहती है राहत
पिछले साल कोरोना के कारण लगे लाकडाउन ने पूरी अर्थव्यवस्था को घुटनों के बल पर ला दिया था। लाकडाउन खुलने के बाद कारोबार फिर से चल पड़े थे।
जासं, अमृतसर: पिछले साल कोरोना के कारण लगे लाकडाउन ने पूरी अर्थव्यवस्था को घुटनों के बल पर ला दिया था। लाकडाउन खुलने के बाद कारोबार फिर से चल पड़े थे। मगर कोरोना की दूसरी लहर में पहले से अधिक घातक हालात होने पर किसी ने सोचा भी नहीं था कि कारोबार पर फिर से संकट आ जाएगा। जो व्यापार लाखों और करोड़ों रुपये का मुनाफा देते थे, सैकड़ों और हजारों कर्मचारियों को नौकरी देते थे, अब उनको चलाना भी मुश्किल हो गया है। यहां तक कि खर्च भी नहीं निकल रहे। होटल, रेस्टोरेट और बार कारोबारी कुछ ऐसी ही परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। यह कहना है अमृतसर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन सिविल लाइन के प्रधान एपीएस चट्ठा और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन पंजाब के प्रधान अमरवीर सिंह का।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे होटल व बार मालिक फीस जमा करवा चुके है। फीस के लिए सरकार और विभाग ने मार्च से ही दबाव बनाना शुरू कर दिया था। उसके बाद मार्च में रात नौ से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू घोषित कर दिया था। अब फिर बार व होटल पूरी तरह बंद रखने के आदेश जारी हो गए। सरकार के इस फैसले के बाद बार व होटलों में सन्नाटा पसरा हुआ है। होटल, रेस्तरां मालिकों की तरफ करोड़ो रुपये की बार फीस जमा है। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि सरकार इस फीस में छूट देकर उन्हें राहत प्रदान करे। सरकार के जवाब का कर रहे इंतजार
प्रधान एपीएस चट्ठा और अमरवीर सिंह ने बताया कि अमृतसर में 850 के करीब होटल है। इनमें नौ हजार कमरे हैं। इसके अलावा करीब 200 रेस्तरां भी हैं। सभी बड़े होटल में बार की सुविधा भी है। बहुत सारे होटल व बार मालिक फीस जमा करवा चुके हैं। अब फिर से 15 मई तक बार व रेस्तरां बंद रखने को कहा गया है। किराये और बिजली के बिल निकालने मुश्किल हो गए हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फीस में छूट दी जाए। इस संबंधी मुख्यमंत्री पंजाब और एक्साइज विभाग के कमिश्नर को भी 15 दिन पहले लिखकर भेजा है। मगर कोई जवाब नहीं मिला है। किस कैटेगरी के लिए कितनी है बार लाइसेंस फीस
एसोसिएशन ने बताया कि फाइव स्टोर होटल के लिए सात लाख रुपये बार लाइसेंस फीस जबकि बाकी अन्य होटलों के लिए 4.50 लाख रुपये फीस रखी गई है। इसी तरह केवल बार चलाने वालो की फीस करीब एक लाख रुपये है। ऐसे में सरकार को इस फीस में छूट देकर होटल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को राहत देनी चाहिए।