प्रतिबंधित दवाओं का मामला, एनसीबी व एफआइयू ने भी कसा शिकंजा
हिमाचल प्रदेश के पावंटा साहिब में पकड़ी गई 15 करोड़ की प्रतिबंधित दवाओं के मामले में दो केंद्रीय जांच एजेंसियों ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
नवीन राजपूत अमृतसर
हिमाचल प्रदेश के पावंटा साहिब में पकड़ी गई 15 करोड़ की प्रतिबंधित दवाओं के मामले में दो केंद्रीय जांच एजेंसियों ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आफ इंडिया ( एफआइयूआइ) की टीमें पकड़े गए दस आरोपितों से जल्द पूछताछ करने वाली हैं। पता चला है कि उक्त दोनों एजेंसियों ने अप्रैल में नई दिल्ली स्थित कश्मीरी गेट थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के मामले में जांच शुरू कर दी है। दिल्ली में पकड़े गए आरोपित अब मत्तेवाल थाने की एफआइआर में नामजद प्रेम कुमार झा की टीम के सदस्य हैं।
एनसीबी प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी और बनाने का मामले के प्रत्येक पहलू पर जांच करेगी। जबकि एफआइयूआइ की टीम पकड़े गए आरोपितों की संपत्तियों और बैंक ट्रांजेक्शन का खाका खंगालेगी। उधर, एसएसपी देहाती ध्रुव दहिया ने बताया कि गिरोह के दो दर्जन से ज्यादा आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए मत्तेवाल थाने की पुलिस और सीआइए स्टाफ की टीमें पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में छापामारी कर रही हैं।
मत्तेवाल थाना प्रभारी लवप्रीत सिंह ने बताया कि पूछताछ में हिमाचल में फैक्ट्री चलाने वाले मुनीष मोहन और दिल्ली निवासी प्रेम झा ने स्वीकार किया है कि वह मुंबई स्थित बांद्रा में पीपी इंटरप्राइसेस और नई दिल्ली स्थित पीबी इंटरप्राइसेस नाम की फैक्ट्रियों को ट्रामाडोल की बड़ी खेप बेच रहे हैं। जब पुलिस ने कंपनियों का रिकार्ड खंगाला तो पता चला कि उक्त दोनों कंपनियां फर्जी हैं।
जबकि, आरोपित अपने रिकार्ड में उक्त दोनों कंपनियों के नाम पर बड़े स्तर पर प्रतिबंधित दवाओं की डिलीवरी दे रहे थे। जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपितों के रिकार्ड से कई कंपनियों की जांच करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कटरा शेर सिंह स्थित दवा मार्केट में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वाले सन्नी सिंह को दोबारा प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
पूर्व कांग्रेसी नेता पर भी शिकंजा कसने की तैयारी
उधर, पुलिस ने आरोपितों को शरण देने वाले एक पूर्व कांग्रेसी नेता पर शिकंजा कसने की भी तैयारी शुरू कर दी है। उक्त नेता अब आम आदमी पार्टी में अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहा है। बताया जा रहा है कि नेता के खिलाफ पुलिस के हाथ कई सूबूत लगे हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने मंगलवार को हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत परमार के पोते चेतन परमार को भी एफआइआर में नामजद कर लिया था।