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जलियांवाला बाग का ऐतिहासिक स्वरूप मिटाने की साजिश: औजला

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जलियांवाला बाग में लगाई गई अर्धनग्न महिलाओं की अलग-अलग तस्वीरों की ओर ध्यान देने की बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 11:03 PM (IST)
जलियांवाला बाग का ऐतिहासिक स्वरूप मिटाने की साजिश: औजला
जलियांवाला बाग का ऐतिहासिक स्वरूप मिटाने की साजिश: औजला

जागरण संवाददाता, अमृतसर: सांसद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जलियांवाला बाग में लगाई गई अर्धनग्न महिलाओं की अलग-अलग तस्वीरों की ओर ध्यान देने की बात कही है।

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पत्र में औजला ने लिखा कि इससे लोगों में रोष है। इन तस्वीरों के साथ पहले गुरु नानक देव जी के अलावा सिख नायक महाराजा रंजीत सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादुर, गदरी बाबाओं की तस्वीर भी प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा दीवार पर ऐतिहासिक चिन्ह पलस्तर कर मिटाए जा रहे हैं ताकि इसकी ऐतिहासिक स्वरूप को साजिश के तहत खत्म किया जा सके। इस तरह के प्रोजेक्टों में नानकशाही ईंटों का प्रयोग होना चाहिए ताकि ऐतिहासिक स्वरूप बना रहे, पर ऐसा नहीं किया जा रहा।

औजला ने कहा कि आजादी के संघर्ष में जलियांवाला बाग का विशेष जिक्र आता है। उन्होंने मोदी से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कहा कि एक कमीशन गठित करके इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए। औजला ने कहा कि यूनेस्को की वेबसाइट साइट ऑफ सत्याग्रह पर जलियांवाला बाग का जिक्र है। इतने बड़े सत्याग्रह की यादगार व इसके ऐतिहासिक तथा पुरातन स्वरूप को मिटा देना शहीदों से अन्याय होगा। उन्होंने केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री, राज्यपाल पंजाब, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, चेयरमैन नेशनल मोनूमेंट अथॉरिटी के अलावा डायरेक्टर जनरल आर्कोलोजी सर्वे ऑफ इंडिया को भी पत्र की प्रति भेज कर इसकी ओर ध्यान देने पर जोर दिया है।


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