आउटडोर गतिविधियां ठप होने से बच्चे हो रहे आलसी व गुस्सैल
कोरोना काल में केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर राज्य सरकार ने 31 अगस्त तक स्कूल कॉलेज व शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना महामारी के प्रसार को रोका जा सके।
अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर : कोरोना काल में केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर राज्य सरकार ने 31 अगस्त तक स्कूल, कॉलेज व शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोरोना महामारी के प्रसार को रोका जा सके।
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों के 33 प्रतिशत शिक्षकों को रोटेशन के तहत स्कूल आने के निर्देश दिए हैं, वहीं वही बच्चों के लिए स्कूल फिलहाल बंद रहेंगे। ऐसे में टीचर विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास व होमवर्क चेक करने के बाद स्कूल भी पहुंच रहे है और विद्यार्थियों की सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए जोर-आजमाइश लगा रहे हैं। इससे सरकारी स्कूलों में पिछले साल की अपेक्षा विद्यार्थियों की गिनती बढ़ी है। हालांकि ऑनलाइन क्लास में सरकारी स्कूल के विद्यार्थी पाठ्यक्रम को समझने में असहज महसूस कर रहे हैं। यह बात शिक्षक भी महसूस करते हैं। वहीं सरकारी स्कूलों के अधिकांश विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है। यदि विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन हैं तो उनके पास इंटरनेट डाटा उपलब्ध नहीं है। अध्यापकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बिना इंटरनेट कनेक्शन व स्मार्ट फोन वाले विद्यार्थियों के साथ संपर्क साधने की है। उधर, बच्चों में घर में बैठ कर अनुशासनहीनता बढ़ रही है। बच्चे आलसी व गुस्सैल हो रहे है।
सरकारी स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या
सरकारी सीसे स्कूल टाउन हाल की गणित अध्यापिका मैडम मनीषा ने बताया कि सरकारी स्कूलों की स्थिति में अभूतपूर्व सुधार आया है। हर अध्यापक स्मार्ट फोन चलाने में पारंगत हो गया है। वहीं स्कूलों की सुविधाओं को देख कर प्राइवेट स्कूलों से भी बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल हो रहे है। बच्चों की गिनती भी बढ़ी है।
व्यवस्थाओं में भी हुआ है सुधार
शिक्षाविद व डीईओ सेकेंडरी सतिदरबीर सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों की व्यवस्था बेहतर हुई है। किताबें, वजीफे, यूनिफार्म के साथ-साथ खाना आदि की सुविधा सरकारी स्कूलों में दी जा रही है। इसके अलावा बच्चों की पूरी फीस माफ है। ऑनलाइन क्लास के जरिये पढ़ाई करवाई जा रही है। क्विज प्रतियोगिता के साथ साथ घर बैठे ही बच्चों का संपूर्ण व्यक्तित्व विकास करवाया जा रहा है।
इंटरनेट डाटा खत्म होने से नहीं लग पाती कई बार क्लास
विद्यार्थी गुरजंट व गुरकीरत ने बताया कि स्कूल आने के लिए अभी मैडम ने नहीं बताया है। वह घर में रह कर मोबाइल से पढ़ रहे हैं, परंतु कभी कभार स्मार्ट फोन में इंटरनेट डाटा रिचार्ज न होने पर क्लास छूट जाती है। बाद में साथियों के घर जाकर अपनी क्लास का पाठ्यक्रम समझते हैं।
बच्चे घर में बैठ कर तोड़ रहे अनुशासन
सरकारी स्कूल भैणी में पढ़ने वाले गुरजंट की माता राजविंदर कौर व पिता अवतार सिंह ने बताया कि बच्चे स्कूल जाते तो अनुशासन में रहते थे। सुबह ब्रश व नहाने के बाद तय समय पर स्कूल जाना होता था। अब तो बच्चे अपनी मर्जी से उठते हैं और ऑनलाइन होमवर्क को भी करने से कन्नी कतराते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि टीचर का डर बच्चों के लिए जरूरी है।