237 शहरों को पछाड़ अमृतसर ने जीता हृदय प्रोजेक्ट का स्कोच अवार्ड
237 शहरों का पछाड़कर अमृतसर ने हृदय प्रोजेक्ट का स्कोच अवॉर्ड जीत लिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : हेरिटेज सिटी डेवल्पमेंट एंड एगुमेंटेशन योजना यानी हृदय प्रोजेक्ट के तहत शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रोजेक्ट में शामिल 237 शहरों में विरासती संभाल को लेकर मुकाबले करवाए गए। सबको पछाड़ते हुए अमृतसर की हृदय प्रोजेक्ट में काम कर रही टीम ने स्कोच अवार्ड यानी गोल्ड मेडल प्राप्त किया। दिल्ली में मिले अवार्ड को आज प्रोजेक्ट की टीम ने मेयर कर्मजीत सिंह रिटू ओर कमिश्नर कोमल मित्तल के सुपुर्द किया। मेयर व कमिश्नर ने प्रोजेक्ट में काम करने वाली टीम को इसके लिए बधाई दी।
मेयर रिटू ने कहा कि अमृतसर विरासती शहर है और इसे देखते हुए ही भारत सरकार द्वारा हृदय प्रोजेक्ट के तहत यहां के विरासती स्थलों को इसमें शामिल किया गया। प्रोजेक्ट के तहत समयाविधि के बीच न सिर्फ काम किया गया, बल्कि शहर की विरासत को भी संजोया गया। विरासत को यही ढंग से संजोने की सराहना पूर्व में विजिट पर आए शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने भी की थी।
कमिश्नर कोमल मित्तल ने बताया कि हृदय प्रोजेक्ट शहर की विरासत को संजोने का प्रोजेक्ट था। पूरी टीम वर्क के साथ इस पर काम हुआ है। समय-समय पर इसकी समीक्षा होती रही है, जिसे देखते हुए ही अमृतसर को स्कोच अवार्ड से नवाजा गया है। इससे पूर्व अमृतसर दौरे पर 28 नवंबर को आए मंत्रालय के सचिव ने बकायदा ट्वीट करते हुए अमृतसर में विरासत को संभालने के लिए हुए काम की सराहना की थी। आज निगम कार्यालय में अवार्ड सेरेमनी में एक्सईएन संजय कंवर, एसडीओ एसएस मल्ली और उनकी टीम की मेयर व कमिश्नर ने प्रोजेक्ट को पूरी शिद्दत से सिरे चढ़ाने के लिए सराहना की। हृदय प्रोजेक्ट के तहत यह हुआ काम
-5 करोड़ रुपये की 40 खूह के सुंदरीकरण का काम हुआ। सैरगाह बनाने के अलावा बना अंग्रेजों के समय के बने हुए पंप हाउस को प्रोजेक्ट के तहत संरक्षित किया गया।
—5 करोड़ की लागत से ऐतिहासिक रामबाग की विरासत को भी संजोने का इसमें काम किया गया। विशेषरूप से महाराजा रणजीत सिंह पैनोरमा को इसमें कवर करने के अलावा विरासती साइट को भी उसी रूप में संभला गया।
—वाल्ड सिटी के बीचोबीच बने हुए सबसे पुराने गोलबाग के सुंदरीकरण का काम भी हृदय प्रोजेक्ट में 5 करोड़ से हुआ है।
—2 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट के तहत पुरानी डीसी बिल्डिंग, जो अंग्रेजों के समय की बनी हुई है, उसकी विरासत को संजोने का भी काम हुआ।
—1 करोड़ की लागत से रामबाग में ही पुलिस इंटरपीटेशन सेंटर बनाया गया है। इसमें म्यूजियम में पुलिस से जुड़ी पुरानी वस्तुओं को संजोया जाना है।