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Amritsar Train Accident Case: नवजोत सिंह सिद्धू के नजदीकी मदान सहित 7 के खिलाफ चालान पेश

वर्ष 2018 में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान अमृतसर के जोड़ा रेल फाटक पर हुए हादसे के मामले में सिद्धू के नजदीकी मिट्ठू मदान सहित 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 05:00 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 05:20 PM (IST)
Amritsar Train Accident Case: नवजोत सिंह सिद्धू के नजदीकी मदान सहित 7 के खिलाफ चालान पेश
Amritsar Train Accident Case: नवजोत सिंह सिद्धू के नजदीकी मदान सहित 7 के खिलाफ चालान पेश

अमृतसर [नवीन राजपूत]। वर्ष 2018 में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान अमृतसर के जोड़ा रेल फाटक पर हुए हादसे के मामले में जीआरपी ने पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के नजदीकी मिट्ठू मदान सहित दशहरा कमेटी के 7 सदस्यों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। हादसे के बाद से ही मदान पर शिकंजा कस लिया गया था। इस हादसे के दौरान रावण दहन देख रहे 58 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे।

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जिनके खिलाफ चालान पेश किया गया उन पर आरोप है कि 19 अक्तूबर 2018 को दशहरे की शाम हुए हादसे केे लिए ये सभी जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई तय की है। जीआरपी ने दशहरा कमेटी के प्रधान व कांग्रेसी नेता सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान, कमेटी के महासचिव राहुल कल्याण, कैशियर दीपक कुमार, सचिव करण भंडारी, सचिव काबल सिंह, प्रेस सचिव दीपक गुप्ता और कार्यकारी सदस्य भूपिंदर सिंह को आरोपित बनाया है।

जीआरपी ने 19 अक्तूबर 2018 की रात अज्ञात आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। रावण दहन का कार्यक्रम जोड़ा फाटक के पास धोबीघाट पर चल रहा था। रेलवे लाइन पर हजारों की संख्या में लोग रावण दहन देखने के लिए उमड़े हुए थे। जैसे ही दशहरे को आग लगाई गई तो जालंधर साइड से तेज रफ्तार डीएमयू पहुंच गई थी। हादसे में 58 लोग मारे गए। 70 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। जालंधर डिवीजन के मजिस्ट्रेट बी पुरुषार्थ अपनी रिपोर्ट में 23 लोगों को जिम्मेदार बनाया था।

इस दौरान पंजाब सरकार के आदेश पर जीआरपी के तत्कालीन एडीजीपी ने एआइजी दलजीत सिंह राणा को भी जांच के आदेश दिए थे। एआइजी ने अपनी रिपोर्ट में दशहरा कमेटी के उक्त सात सदस्यों को आरोपित बनाया है। जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। सबूत मिलने पर लापरवाही बरतने वाले अन्य लोगों पर भी केस चलाया जा सकता है।

बेबस जीआरपी बोली- कानून व्यवस्था खराब कर सकता है मिट्ठू मदान

जीआरपी ने कोर्ट में दायर अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उक्त सातों आरोपितों का आम जनता में काफी रसूख है। सभी राजनीतिक हैसियत भी रखते हैं। उन्हें गिरफ्तार किया गया तो शहर की कानून व्यवस्था खराब हो सकती

है, इसलिए बिना गिरफ्तारी के ही इन सभी आरोपितों का चालान तैयार किया गया है। यह भी लिखा गया कि आरोपितों को अदालत समन के जरिए तलब करे।

जीआरपी के चालान में कई त्रुटियां: वेरका

हाईकोर्ट के रिटा. जस्टिस अजीत सिंह बैंस की अगुवाई में चल रहे मानवाधिकार संगठन के चीफ इन्वे्स्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने बताया कि जीआरपी के चालान में कई त्रुटियां हैंं। जब जांच एजेंसी यह कह दे कि आरोपित काफी पावरफुल हैं तो पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल सकता। जांच एजेंसी के पास सरकार की पूरी पावर होती है। चालान में आरोपित मिट्ठूू मदान की मां विजय मदान (इलाका पार्षद) का नाम तक नहीं है। इस तरह की त्रुटियां आरोपित को कोर्ट में बचाने का काम करेंगी।


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