Move to Jagran APP

सामूहिक आत्महत्या प्रकरण : डॉक्टरों सहित तीन लोगों ने दी कोर्ट में गवाही

अमृतसर साल 2003 में चौक मौनी में सामूहिक आत्महत्या प्रकरण में डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सुलेख मित्तल, गुरप्रीत ¨सह ने वीरवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश संदीप ¨सह बाजवा की कोर्ट में गवाही दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:16 PM (IST)
सामूहिक आत्महत्या प्रकरण : डॉक्टरों सहित तीन लोगों ने दी कोर्ट में गवाही
सामूहिक आत्महत्या प्रकरण : डॉक्टरों सहित तीन लोगों ने दी कोर्ट में गवाही

नवीन राजपूत, अमृतसर

loksabha election banner

साल 2003 में चौक मौनी में सामूहिक आत्महत्या प्रकरण में डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सुलेख मित्तल, गुरप्रीत ¨सह ने वीरवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश संदीप ¨सह बाजवा की कोर्ट में गवाही दी। डॉ. नवप्रीत कौर ने हरदीप ¨सह व उनकी पत्नी का पोस्टमार्टम किया था। जबकि डॉ. सुलेख मित्तल ने हरदीप ¨सह के दो बेटों और हरदीप की मां का पोस्टमार्टम किया था। जबकि हरदीप के दोस्त गुरप्रीत ¨सह ने भी आरोपितों के खिलाफ अपनी गवाही कोर्ट में दर्ज करवाई है। न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर तय की है। एएसआइ हरभजन ¨सह आज भी धमका रहा गवाहों को

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अजीत ¨सह बैंस की अगुआई में चल रहे मानवाधिकार संगठन के चीफ इनवेस्टीगेटर सरबजीत ¨सह वेरका ने बताया कि उन्होंने जून महीने में एएसआइ हरभजन ¨सह के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी कि वह उक्त मामले में कुछ गवाहों को धमका रहा है। इस शिकायत को सीपी ने सी डिवीजन थाने में मार्क कर दिया था। सरबजीत ¨सह वेरका ने बताया कि एएसआइ हरभजन ¨सह आज भी गवाहों को अदालत के बाहर अपने तरीके से धमका रहा था। क्या है मामला

गौर रहे कि साल 2003 में चौक मौनी निवासी हरदीप ¨सह, उसकी पत्नी रोमी, दो बच्चों और मां ने सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया था। घटना को अंजाम देने से पहले हरदीप ¨सह व उसकी पत्नी ने कमरे की दीवारों पर तत्कालीन एसएसपी कुलतार ¨सह, तत्कालीन थाना प्रभारी हरदेव ¨सह द्वारा की जाने वाली प्रताड़ना के बारे में लिख दिया था। घटना के बाद जब अगले दिन पुलिस को पता चला तो थाना प्रभारी ने कमरे पर लिखे सुसाइड को मिटाने का प्रयास किया था। ऐन मौके पर घटना के बारे में मीडिया को पता चल गया और वह घटनास्थल पर पहुंच गए। जांच के दौरान पता चला था कि हरदीप ¨सह से अपने पिता की हत्या हो गयी थी। इसे लेकर हरदीप ¨सह के रिश्तेदार उसे ब्लैक मेल कर रहे थे। रिश्तेदारों की ब्लैकमे¨लग से बचने के लिए हरदीप ¨सह की मुलाकात किसी ने तत्कालीन एसएसपी कुलतार ¨सह से करवा दी थी। आरोप है कि एसएसपी की नीयत हरदीप की पत्नी रोमी पर बेइमान हो गई थी। घटना के कुछ दिन पहले एसएसपी ने रोमी व हरदीप को अपने कार्यालय में बुलाया और वहां रोमी के साथ दुष्कर्म भी किया। आरोप है कि तत्कालीन एसएसपी ने इसके बाद हरदीप ¨सह को पैसे लाने के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसी कारण दुखी होकर हरदीप ¨सह ने परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.