लाहौरी गेट में अवैध कब्जा हटाने पहुंची निगम टीम को पुलिस ने रोका
अमृतसर लाहौरी गेट के बाहर दीवार तोड़कर दुकान बनाने व एतिहासिक दीवार गिराने के मामले में नया मोड़ आ गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
लाहौरी गेट के बाहर दीवार तोड़कर दुकान बनाने व एतिहासिक दीवार गिराने के मामले में नया मोड़ आ गया है। शनिवार को नगर निगम की टीम लाव-लशकर के साथ लाहौरी गेट में दुकान को धराशायी करने व टूटी दीवार को बनाने पहुंची, पर पुलिस ने निगम को ऐसा करने से रोक दिया। पुलिस ने नपे-तुले शब्दों में कहा कि उन्हें ऊपर से आदेश मिला है कि दुकान को गिराया न जाए। इसके बाद नगर निगम की टीम को यहां से बैरंग ही लौटना पड़ा।
दरअसल, कुछ दिन पूर्व लाहौरी गेट के नजदीक बने बस शेल्टर के पास बने शौचालय को तोड़कर दुकान का शटर निकाला गया था। इस मामले की जानकारी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू व निगम कमिश्नर सोनाली गिरि से की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि नगर निगम का म्यूनिसिपल टाउन प्ला¨नग विभाग अपनी ड्यूटी सही तरीके से नहीं कर रहा। शौचालय तोड़ने वालों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। इसकी एवज में इनसे भरपाई की जाए।
शनिवार को प्रो. चावला ने एक बार फिर निगम कमिश्नर को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। इसके बाद नगर निगम की टीम यहां पहुंची। टीम में शामिल कर्मचारी एतिहासिक दीवार बनाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उसे ऐसा करने से रोक दिया।
प्रो. चावला ने कहा कि वर्ष 2002 में जब वह विधायक बनी थीं तब उन्होंने बस शेल्टर और शौचालय बनवाया था। अब सरेआम शौचालय को तोड़ा गया और अवैध तौर पर शटर लगा दिए गए। इसके लिए नगर निगम का एमटीपी विभाग प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेवार है। मेरी आज ही नगर निगम कमिश्नर से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि आज अवैध निर्माण गिरा दिया जाएगा और जो दीवार तोड़ी गई है उसे बनाया जाएगा। दुखद यह कि पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। प्रो. चावला ने कहा कि क्या सरकार नाम की कोई चीज है। क्या नगर निगम इतना कमजोर है कि उनकी जगह पर अवैध कब्जा हो जाए। मेयर क्या करते रहे। शहर राजनीतिक दबाव के नीचे ही चलना है तो फिर नगर निगम का क्या लाभ। कांग्रेस नेता के रिश्तेदार की है दुकान
शौचालय तोड़कर शटर निकालने में एक कांग्रेसी नेता के रिश्तेदार का हाथ बताया जा रहा है। यह काम अक्टूबर माह में हुआ था। इस दौरान ऐतिहासिक दीवार भी धराशायी कर दी गई।