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रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, श्री दुग्र्याणा तीर्थ व अन्य स्थलों की सुरक्षा नाकाफी

अमृतसर गांव अदलीवाल में स्थित निरंकारी भवन में हुए आतंकवादी हमले के बाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा श्री दुग्र्याणा तीर्थ व अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा नाकाफी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:30 AM (IST)
रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, श्री दुग्र्याणा तीर्थ  व अन्य स्थलों की सुरक्षा नाकाफी
रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, श्री दुग्र्याणा तीर्थ व अन्य स्थलों की सुरक्षा नाकाफी

कमल कोहली, अमृतसर

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गांव अदलीवाल में स्थित निरंकारी भवन में हुए आतंकवादी हमले के बाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा श्री दुग्र्याणा तीर्थ व अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा नाकाफी है। बस अड्डे व रेलवे स्टेशन में यह बात देखने को आई है कि सुरक्षा बल काफी कम है वहीं रेलवे स्टेशन में कोई भी आधुनिक उपकरण न होने के कारण सुरक्षा में सेंध लग सकती है।

दैनिक जागरण की टीम ने जब रेलवे स्टेशन का दौरा किया तो गोलबाग वाली साइड में कोई भी पुलिस कर्मचारी दिखाई नहीं दिया। गोलबाग वाली साइड में कई जगहों पर दीवारें टूटी हुई हैं जो सुरक्षा के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। रेलवे स्टेशन के मुख्य वीआईपी गेट के प्रवेश द्वारा में सिर्फ एक ही जीआरपी का कर्मचारी ड्यूटी दे रहा था। वहीं मुख्य सड़क पर जीआरपी के दो जवान तथा पंजाब पुलिस की एक गाड़ी में तैनात कर्मचारी इतने भीड़ वाले इलाके की सुरक्षा पर नजर रखे हुए थे। स्टेशन परिसर में आरपीएफ का कोई भी जवान दिखाई नहीं दिया। आरपीएफ का जो कैबिन श्री हरिमंदिर साहिब के मॉडल वाली साइड बना हुआ है वह भी बंद पड़ा हुआ है। आम लोगों के लिए फूड प्लाजा के नजदीक बना भी प्रवेश मार्ग पर भी सुरक्षा की कमी दिखाई दी। स्टेशन परिसर में किसी तरह की कोई भी स्कैनर, मेटल डिटेक्टर की मशीनें व सीसीटीवी कैमरों की कमी नजर आई। स्टेशन में जिस तरह रोजाना लोगों का आवागमन होता है उस मुताबिक स्टेशन परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से जवानों की तैनाती बहुत कम है।

बस अड्डे पर भी सुरक्षा नाकाफी

बस अड्डे के संगम सिनेमा साइड वाले प्रवेश मार्ग पर पंजाब पुलिस के जवान सुरक्षा पर कड़ी नजर रखे हुए थे पर दूसरी साइड वाले प्रवेश द्वार जहां से बसें बाहर निकलती हैं वहां पर सुरक्षा के लिए कोई भी जवान तैनात नहीं था। बस अड्डे के भीतर भी सुरक्षा कर्मियों की कमी दिखाई दी। पुलिस का कहना है कि सिविल कपड़ों में जवान तैनात किए गए हैं जो सभी पर कड़े नजर रख रहे हैं।

श्री दुग्र्याणा तीर्थ की सुरक्षा के लिए डीजीपी को लिखा पत्र

दैनिक जागरण की टीम जब श्री दुग्र्याणा तीर्थ में सुरक्षा का जायजा लेने पहुंची तो यह बात सामने आई कि त्योहारों के मद्देनजर बीएसफ के जवान सुरक्षा के लिए तीर्थ परिसर में तैनात किए गए थे जो वापस चले गए हैं। अब सुरक्षा पंजाब पुलिस के जवानों के हवाले है। तीर्थ परिसर में पंजाब पुलिस के जवान ज्यादा संख्या में तैनात नहीं हैं जो कि तीर्थ की सुरक्षा के लिए घातक है। श्री दुग्र्याणा कमेटी के प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा ने बताया कि अदलीवाल में हुए आंतकवादी हमले के बाद रविवार को कमेटी ने एक पत्र डीजीपी पंजाब, एडीजीपी पंजाब तथा पुलिस कमिश्नर को भेजकर तीर्थ की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, प्राचीन शीतला माता मंदिर, प्राचीन श्री बड़ा हनुमान मंदिर में रोजाना काफी संख्या में श्रद्धालु देश विदेश से आते हैं। तीर्थ की सुरक्षा के लिए बीएसएफ की कंपनी को पुन: तैनात किया जाए। सिद्धपीठ माता लाल देवी भवन के प्रधान विजय कुमार शर्मा, शिवाला बाग भाइयां के महासचिव हेमराज हांडा ने भी कहा कि संबंधित धार्मिक स्थलों में काफी लोग माथा टेकने आते हैं। इन मंदिरो की भी सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध किए जाने चाहिए।

¨हदू नेताओं की सुरक्षा यकीनी बनाई जाए

राष्ट्रवादी शिवसेना के पंजाब प्रधान सचिन बहल ने पुलिस प्रशासन से ¨हदू नेताओं की सुरक्षा यकीनी बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आंतकवादी संगठन ¨हदू नेताओं को अपना टारगेट बना सकते हैं।


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