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145 एमएम बारिश का कहर : 20 फुट धंसी सड़क, घरों में घुसा पानी, डूबा शहर

अमृतसर पिछले 24 घंटे में गुरुनगरी में हुई बारिश ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 10 सालों में पहली बार लगातार हुई बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित होकर रह गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 12:16 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 12:16 AM (IST)
145 एमएम बारिश का कहर : 20 फुट धंसी सड़क, घरों में घुसा पानी, डूबा शहर
145 एमएम बारिश का कहर : 20 फुट धंसी सड़क, घरों में घुसा पानी, डूबा शहर

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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पिछले 24 घंटे में गुरुनगरी में हुई बारिश ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 10 सालों में पहली बार लगातार हुई बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित होकर रह गया है। सुबह से ही लगातार हो रही बारिश में शहर जहां पानी में डूबा हुआ है, वहीं मॉल रोड पर सड़क का एक हिस्सा ही 20-25 फुट के लगभग जमीन में धंस गया। अजीत नगर में लोगों के घरों में पानी जा घुसा। लगातार हुई बारिश की वजह से नगर निगम ने भी अलर्ट कर दिया है। वाल्ट सिटी से लेकर शहर के पॉश एरिया तक पानी में डूबे रहे, जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

शनिवार रात तकरीबन बारह बजे शुरू हुई बारिश रविवार देर रात तक जारी रही। देर शाम तक कुल 145एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। समाचार लिखे जाने तक बारिश जारी थी।

निगम कमिश्नर सोनाली गिरि ने बारिश को लेकर चल रही भविष्यवाणी और सुबह से ही झमाझम बारिश शुरू होने के साथ ही शहर में बने हुए 18 के लगभग डिस्पोजल को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए। कमिश्नर ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि कोई डिस्पोजल बंद न हो, इसकी सभी ¨चता करें। इसके अलावा शहर में बनी हुई जर्जर इमारतें बारिश में मौत का तांडव न कर सकें, इसलिए ड्यूटी मेजिस्टेट की ड्यूटी लगाते हुए उन्होंने एमटीपी विभाग के अधिकारियों को भी ऐसे घरों को खाली करवाने के निर्देश दे दिए है। देर शाम तक एमटीपी विभाग के अधिकारी इस काम में डटे हुए थे। कमिश्नर सोनाली गिरि ने बताया कि जलभराव से होने वाली लोगों की परेशानी को देखते हुए विभाग पूरी मुस्तैदी से डटा हुआ है। सभी डिस्पोजल चल रहे हैं और अधिकारी रेगुलर इस पर निगरानी रखे हुए हैं। मॉल रोड पर निर्माणाधीन मॉल की नींव में पानी जाने की वजह से सड़क धंस गई है। इसके पानी के कनेक्शन कटवा दिए गए हैं। जायजा लेने सड़क पर उतरे नेता

उधर, बारिश की वजह से बने जलभराव के हालातों का जायजा लेने सांसद गुरजीत ¨सह औजला, विधायक डा. राजकुमार वेरका, विधायक सुनील दत्ती, सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, कांग्रेस शहरी के प्रधान जुगल किशोर शर्मा सड़क पर उतरे। उन्होंने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करते हुए प्रशासनिक व निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द पानी की निकासी यकीनी बनाए, ताकि लोगों का किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न हो। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बारिश की वजह से बने हुए हालातों और इसके समाधान पर भी चर्चा की। कमिश्नर की कोठी के पास सड़क धंसी

कंपनी बाग के सामने स्थित नगर निगम कमिश्नर की कोठी के पास बारिश की मार से सड़क धंस गई। निर्माणाधीन मॉल की आगे की सड़क नीचे निकासी नाला था, जो टूट गया। इस कारण नाले का पानी भी सड़क पर बहने लगा। धंसी हुई सड़क में कोई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त न हो, इसके लिए पुलिस ने यहीं नाका लगा लिया। वाहन चालकों को दूसरे रास्ते से आगे भेजा गया। दूसरी तरह निगम ने निकासी नाले का कनेक्शन काट दिया, ताकि ओर पानी इसके अंदर न जाए।

अजीत नगर में लोगों के घरों में घुसा पानी

अजीत नगर क्षेत्र में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया। लोगों ने डिब्बों से भरकर पानी निकालने की कोशिश की, पर बारिश का फ्लो इतना था कि चंद मिनटों में ही पानी घरों में घुस जाता। लोगों ने नगर निगम प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी व्यक्त की। पिछले कई सालों से हर बारिश में अजीत नगर के लोग बरसात में पानी का दंश झेलते हैं। निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के हलके का हिस्सा होने के बावजूद अभी तक उन्हें राहत नहीं मिल सकी है।

मंडी में धान की सवा लाख बोरियां भीगीं

बारिश के कारण भगतांवाला अनाज मंडी में सवा लाख बोरियों में बंद धान भीग गया। अनाज मंडी की डेवलपमेंट के लिए सरकार ने 13 करोड़ की राशि जारी की थी, लेकिन अभी तक मंडी में विकास कार्य शुरू नहीं हो सका। बेबस किसान फसल को अपनी आंखों से मंडी में खराब होते देखते रहे। गल्ला आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राकेश तुली ने बताया कि बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। वहीं किसानों व आढ़तियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते प्रबंध किए होते तो उनका इतना नुकसान न होता। मंडी में शेड टूटे हुए हैं, जिससे अनाज की बोरियों पानी की चपेट में आ गईं।

वाल्ड सिटी व सिविल लाइन पानी-पानी

बारिश से वाल्ड सिटी में सीवरेज प्रणाली की आज धज्जियां उड़ गईं। चौक टुंडा तालाब, शक्ति नगर, काली माता मंदिर के नजदीक, बाजार टोकरियां, नमक मंडी, कटड़ा सफेद, स्वांक मंडी, आटा मंडी सहित दर्जनों क्षेत्रों की गलियों पानी से लबालब भर गईं। कई घरों में पानी घुस आया। दूसरी तरफ सिविल लाइन एरिया भी पानी से अछूता नहीं रह सका। रणजीत एवेन्यू, ग्रीन एवेन्यू, बसंत एवेन्यू जैसे पॉश क्षेत्र पानी से लबालब भरे हुए थे और लोगों को आने जाने में खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही थी।

बहु करोड़ी हेरिटेज स्ट्रीट भी पानी पानी

विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब तक जाने वाली हेरीटेज स्ट्रीट भी बारिश की मार नहीं झेल पाई। हेरीटेज स्ट्रीट में पानी जमा हो गया। श्रद्धालु पानी के बीच श्री हरिमंदिर साहिब तक पहुंचे। ठीक ऐसी ही स्थित बस स्टैंड के भीतर दिखी। यहां पानी की निकासी ठप होकर रह गई। संगम सिनेमा की तरफ टूटी सड़क में पानी खड़ा रहा। इससे बसों की आवाजाही भी प्रभावित हुई।

किसानों की उम्मीद पर फिरा पानी

वहीं खेतों में खड़ी धान की फसल पर बारिश की बूंदें बाण की तरह गिरी हैं। खेतों में धान की फसल तकरीबन पककर तैयार हो चुकी थी। किसान इस उम्मीद में था कि इस बार हुई बम्पर फसल बेचकर ज्यादा मुनाफा कमाएगा, पर बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर कर रख दिया है। कर्ज लेकर फसल बोने वाला किसान बारिश को देखकर खून के आंसू रोने को मजबूर है। राज्य में एक अक्टूबर से धान की खरीद का ऐलान हो चुका है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी और ¨चतित करने वाली है। अगले दो दिनों तक बारिश जारी रह सकती है। इसका सीधा असर धान की फसल पर पड़ेगा। सितंबर की बारिश धान की फसल के लिए किसी भी सूरत में सही नहीं। बारिश से खेतों में खड़ी फसल गिरने का खतरा है, वहीं फसल में नमी की मात्रा कई गुणा बढ़ने की संभावना है।

निगम की नालायकी का नतीजा : प्रो. चावला

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि आज सारा शहर पानी में डूब गया। बरसात का पानी लोगों के घरों तक पहुंचा। नगर निगम कमिश्नर, मेयर व अन्य अधिकारी क्या करते रहे। इन्हें मालूम था कि बारिश के कारण शहर में तबाही मचेगी। ये अधिकारी अपने अपने घरों में चैन की नींद सोते रहे और पूरा शहर परेशान होता रहा। यदि अधिकारियों ने सीवरेज की सफाई करवाती होती तो ऐसी स्थिति उत्पन्न न होती। डीसिल¨टग न होने से विकट हुए हालात : सिक्का

विपक्षी दल नेता संध्या सिक्का ने कहा कि पिछले लंबे समय से पार्षद शहर की सीवरेज की डीसिल¨टग का मामला उठाते रहे है, लेकिन इसकी अनदेखी की जाती रही है। मानसून में बारिश कम होने से हुकमरानों की इज्जत बची रही, पर शनिवार से शुरू हुई बारिश ने शहर के सीवरेज सिस्टम की पोल खोल दी है। स्ट्रॉम सीवरेज के न होने से पानी की निकासी का सारा भार सेनिटेशन सीवरेज पर है, जिसको सफाई शिद्दत से जरूर है। अगर बारिश की वजह से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान होता है तो इसकी सीधी जिम्मेदारी निगम की होगी।


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