बच्चे के साथ मौत की आगोश में समाए जितेंद्र दास के परिवार को नहीं मिला मुआवजा
अमृतसर जौड़ा फाटक हादसे में अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे के साथ ¨जदगी गंवा चुके बिहार निवासी जितेंद्र दास के परिवार को मुआवजे का चेक नहीं मिल सका है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
जौड़ा फाटक हादसे में अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे के साथ ¨जदगी गंवा चुके बिहार निवासी जितेंद्र दास के परिवार को मुआवजे का चेक नहीं मिल सका है। मुआवजा फॉर्म जमा न होने की वजह से उन्हें यह सरकारी सहायता नहीं मिल पाई। दरअसल, मुआवजे का चेक प्राप्त करने के लिए पीड़ित परिवारों को एक सरकारी फॉर्म भरना पड़ता है। जितेंद्र दास के परिवार को अभी तक यह फॉर्म नहीं मिला। कुछ नेताओं द्वारा पारिवारिक सदस्यों को यह कहकर गुमराह किया जाता रहा कि उनका फॉर्म जमा हो चुका है और उन्हें जल्द ही चेक भी मिल जाएगा। बुधवार को तहसीलदार जेपी सलवान पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि परिवार को शीघ्रातिशीघ्र मुआवजा दिया जाएगा।
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि जितेंद्र दास और उनका डेढ़ वर्षीय बेटा शिवम इस हादसे में अकाल मृत्यु का शिकार बने। पत्नी आरती गंभीर रूप से जख्मी है, जिसका हरतेज अस्पताल में इलाज जारी है। शिवम इस परिवार का इकलौता चिराग था, जो पिता के साथ ट्रेन हादसे में काल का ग्रास बन गया।
जितेंद्र दास व शिवम की मृत्यु का प्रमाण अस्पताल में मौजूद पोस्टमार्टम दस्तावेज है। इसके बावजूद उसका नाम भी तक जिला प्रशासन के पास नहीं पहुंचा। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार उन्हें कुछ नेताओं ने यही बताया था कि मुआवजा राशि का फॉर्म भर दिया गया है। बुधवार को तहसीलदार सलवान जब इनके घर पहुंचे तो इस बात का खुलासा हुआ कि परिवार का फॉर्म अभी भरा नहीं गया।
तहसीलदार सलवान ने परिवार को आश्वस्त किया कि उन्हें मुआवजा राशि जल्द जारी की जाएगी। इस दर्दनाक हादसे के बाद पंजाब सरकार ने मृतकों व घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। मुआवजा राशि देने के लिए जौड़ा फाटक क्षेत्र में प्रशासनिक कैंप भी लगाए गए। इस काम में उत्तरप्रदेश कल्याण परिषद के डॉ. जेपी ¨सह, प्रधान शंकर उपाध्याय तथा महासचिव सुखदेव पाल ने दिनरात काम किया। इस अवसर पर पटवारी राजेश तथा हरीश, समाज सेवक जसपाल ¨सह तथा उत्तर प्रदेश कल्याण परिषद के प्रवक्ता राम भवन गोस्वामी भी उपस्थित थे।