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खून बहा गई चाइना डोर, प्रशासन कहता रहा ना मोर; बुजुर्ग ने दिखाया जोर

अमृतसर खून बहाती चली गई चाइना डोर और प्रशासन कहता रहा नो मोर।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:34 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:34 AM (IST)
खून बहा गई चाइना डोर, प्रशासन कहता रहा ना मोर; बुजुर्ग ने दिखाया जोर

— 75 वर्षीय ओंकार नाथ ने शहर में जगह-जगह बिखरी चाइना डोर को उठाकर अग्नि भेंट किया

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— बच्चों को इस डोर का बहिष्कार करने का दिलाया संकल्प

फोटो — 37—38

नितिन धीमान, अमृतसर

खून बहाती चली गई चाइना डोर और प्रशासन कहता रहा नो मोर। जी हां, लोहड़ी के अवसर पर चाइना डोर ने किसी का गला कटा, किसी का कान, किसी की अंगुली काटी और किसी के घर का चिराग बुझा दिया। तूफान निकल जाने के बाद शहर के कई इलाकों में चीख चीत्कार मची है। अमृतसर में चाइना डोर ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों को जख्म दिया, वहीं लाहौरी गेट में एक युवक को मौत की नींद सुला दिया।

खैर, सरकार और प्रशासनिक अधिकारी हमेशा की तरह खामोशी साधे हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो उम्र के तीसरे पड़ाव तक पहुंचने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा रहा। हम बात कर रहे हैं 74 वर्षीय ओंकार नाथ की, जिन्होंने वह काम किया जो सरकार को करना चाहिए।

दरअसल, नगर निगम से अमला विभाग में सहायक के पद से सेवानिवृत्त हुए ओंकार नाथ ने सोमवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंचकर चाइना डोर इकट्ठी की। यह डोर सड़कों, पेड़ों, घरों की खिड़कियों, दरवाजों यहा तक कि नालियों में उलझी हुई थी। यहां तक कि वाहनों में फंसी डोर को भी इकट्ठा कर निकाला और बड़ा ढेर बनाकर अग्नि भेंट कर दिया। यह डोर कल लोहड़ी के अवसर पर शहर में कटी पतंगों के साथ जमीन पर गिरी थी। ओंकार नाथ शर्मा ने मजीठा रोड में घर-घर जाकर बच्चों को इस डोर के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चाइना डोर ने शहर में जबरदस्त कहर मचाया है। लोग जख्मी हुए और अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। लोहड़ी का पर्व एकता एवं सद्भाव का प्रतीक है। क्या इसे सादगीपूर्ण ढंग से नहीं मना सकते?

असल में कुछ लोग धूप सेंककर का समय पास करते हैं, लेकिन ओंकार नाथ कर्मयोद्धा बनकर जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, कर भी रहे हैं। वह कहते हैं- बूंद-बूंद से समुद्र भर सकता है। यदि प्रत्येक भारतीय अपने कर्तव्यों का निस्वार्थ भाव से पालन करते तो समाज की तस्वीर बदल सकती है। मैं शुरू से ही चाइना डोर के खिलाफ रहा हूं। बच्चों को संकल्पबद्ध करता हूं कि वे इसका प्रयोग न करें। आज भी बच्चों को यही बताया और चाइना डोर इकट्ठी कर अग्निभेंट किया।

वह कुछ निजी स्कूलों में भी गए, जहां बच्चों ने उनके प्रेरणादायी वचन सुनकर चाइनीज डोर का बहिष्कार करने का संकल्प लिया।

वाहनों में फंसी थी चाइना डोर

शहर में जगह-जगह बिखरी चाइना डोर बड़े हादसे को दावत दे रही है। लोहड़ी के बाद दूसरे दिन यानी मंगलवार को दोपहिया वाहन चालक इस डोर से उलझते हुए दिखाई दिए। लोग कम रफ्तार में वाहन चलाकर अपने गंतव्य तक पहुंचे। ओंकार नाथ ने सड़क पर खड़े वाहनों में फंसी चाइना डोर को भी निकाला।


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