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37 साल बाद 1984 के पीड़ित दुकानदारों को मिला इंसाफ, माल मंडी के बाहर दुकानें बनाने की मंजूरी

आपरेशन ब्लू स्टार के बाद से ही अपनी दुकानों के लिए लड़ाई लड़ रहे ब्लू स्टार शाप कीपर सफर्स एसोसिएशन को 37 साल बाद इंसाफ मिल गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 08:00 AM (IST)
37 साल बाद 1984 के पीड़ित दुकानदारों को मिला इंसाफ, माल मंडी के बाहर दुकानें बनाने की मंजूरी
37 साल बाद 1984 के पीड़ित दुकानदारों को मिला इंसाफ, माल मंडी के बाहर दुकानें बनाने की मंजूरी

जागरण संवाददाता, अमृतसर: आपरेशन ब्लू स्टार के बाद से ही अपनी दुकानों के लिए लड़ाई लड़ रहे ब्लू स्टार शाप कीपर सफर्स एसोसिएशन को 37 साल बाद इंसाफ मिल गया है। दुकानदारों को माल मंडी के बाहर दुकानें बनाने की इजाजत दे दी गई है। एक सप्ताह में उन्हें यह दुकाने बनाने के आर्डर भी जारी कर दिए जाएंगे। इन दुकानदारों को 14450 रुपये रेट के हिसाब से सवा तीन लाख रुपये की एक दुकान का रेट अदा करना पड़ेगा। इस संबंधी सोमवार को नगर सुधार ट्रस्ट के ईओ जतिदर सिंह ने इन दुकानदारों के साथ ट्रस्ट दफ्तर में बैठक की और उन्हें कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए कहा। दुकानदारों को 37 साल बाद पंजाब सरकार ने दुकानदारों को उनकी दुकानों का हक मिलने के बाद दुकानदारों ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, विधायक सुनील दत्ती और ट्रस्ट के चेयरमैन दमनदीप सिंह उप्पल का धन्यवाद किया है।

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ब्लू स्टार शाप कीपर्स सफर्स एसोसिएशन के परविदर सिंह अरोड़ा और तजिदर सिंह ने कहा कि आप्रेशन ब्लू स्टार के बाद उनकी दुकानें गलिया प्रोजेक्ट के अंदर चली गई थी। उन दुकानदारों को तो दुकाने दे दी गई थी, लेकिन जो दुकाने दरबार साहिब के अधीन आ गई थी, उनमें 133 दुकानदारो को कुछ नहीं मिला था। तभी से उन्हें अपनी दुकानों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। उनका यह केस पहले लोकल अदालत में चल रहा था। उसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट के बाद फिर हाई कोर्ट और उसके बाद पंजाब सरकार के पास आ गया। सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने फाइल पर नहीं किए थे हस्ताक्षर

जब नवजोत सिंह सिद्धू लोकल बाडी मंत्री थे तो उन्होंने 10 हजार रुपये रेट के हिसाब से दुकाने देने का आश्वासन दे दिया था। इस संबंधी उन्होंने फाइल कैबिनेट में भी दे दी थी लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया तो यह काम उसी समय लटक गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने उस फाइल पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। अब 14450 रुपये के रेट के हिसाब से दुकाने मिलने जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अलाटमेंट वर्ष 2016 में हो चुकी थी। अब उन्हें सवा तीन लाख रुपये के करीब यह दुकाने उन्हें मिल जाएंगी। इस संबंधी दुकानों को बनाने का आदेश एक सप्ताह के बाद मिल जाएगा।


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