सिर्फ ग्रीन पटाखा बेचने की इजाजत, व्यापारियों ने अंदरखाते प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे भी किए स्टाक
जिला प्रशासन की तरफ से पटाखा व्यापारियों को अस्थायी खोखे अलाट किए जाने के बाद दुकानदारों को लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं।
जासं, अमृतसर: जिला प्रशासन की तरफ से पटाखा व्यापारियों को अस्थायी खोखे अलाट किए जाने के बाद दुकानदारों को लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। न्यू अमृतसर में खुले मैदान में पटाखा मार्केट भी सज गई है। सोमवार को लोग दुकानों से पटाखे भी खरीदने के लिए पहुंचे। जिला प्रशासन की तरफ से सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचने के आदेश जारी किए गए है लेकिन दैनिक जागरण की टीम ने जब पटाखा मार्केट का दौरा किया तो वहां पर साफ देखा गया कि जहां दुकानदार ग्रीन पटाखे बेचने का दावा कर रहे थे, वहीं दूसरे पटाखे भी स्टाक कर रहे थे। उन्होंने अंदरखाते दूसरे पटाखे भी स्टाक कर लिए है। इससे साफ है कि ग्रीन पटाखों के साथ-साथ दुकानदार दूसरे पटाखों की भी बिक्री करेंगे।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कम एडीसी (जनरल) डा. रुही डग ने चेतावनी दी है कि अगर ग्रीन पटाखों के अलावा कोई दुकानदार दूसरे पटाखे बेचते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने पटाखा मार्केट स्थल पर सभी बंदोबस्त कर दिए हैं। पंजाब फायर सर्विस के अलावा एक-एक एंबुलेंस भी मौके पर तैनात कर दी गई है ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। कोर्ट के आदेश के बाद दस खोखे ही लगाए जा रहे
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद हर साल 10 पटाखों के खोखे अस्थायी तौर पर अलाट किए जा रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर 2017 में कुल 56 ड्रा निकाले गए थे और कोर्ट के आदेशों पर 56 ड्रा में से 20 फीसद पटाखा व्यापारियों के ड्रा ही निकाले जाने थे। इसके अनुसार पूरे पारदर्शी ढंग से पटाखा व्यापारियों के 10 ड्रा ही निकाले जा रहे हैं और हर साल अब सिर्फ 10 खोखे ही लगाए जा रहे हैं। अमेजन, फ्लिप कार्ट व आनलाइन पटाखा बिक्री पर भी पाबंदी
जिला प्रशासन ने ई-कामर्स वेबसाइट अमेजन, फ्लिप कार्ट व अन्य आनलाइन साइटों पर पटाखे बेचने पर भी पाबंदी लगाई है। जिला मजिस्ट्रेट डा. रूही डग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दुकानदार केवल ग्रीन पटाखे ही बेच सकेंगे। बेरिअम साल्ट, कंपाउंड्स आफ एंटीमनी, लिथिअम, मर्करी, आर्सेनिक, लैड, स्टरोटिअम और करोमेट से बने पटाखे बेचने पर पाबंदी होगी। कम ध्वनि वाले होते हैं ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखे कम प्रदूषण फैलाने वाले कच्चे माल से बने होते हैं। यह दूसरे पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। इनमें साल्ट या एंटीमानी, लिथियम, आर्सेनिक, लेड जैसे कंपाउंड्स नहीं होते हैं। इनमें कम खतरनाक केमिकल कंपाउंड इस्तेमाल किए जाते हैं। इनका केमिकल फार्म्यूलेशन एनवायरमेंट में कणों को कम उत्सर्जित करता है। इनमें से अधिकतम 110 से 125 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होता है, जबकि पुराने पटाखों में 160 डेसिबल तक होता है। बेरिअम साल्ट, कंपाउंड्स आफ एंटीमनी, लिथिअम, मर्करी, आर्सेनिक, लैड, स्टरोटिअम और करोमेट कैमिकल से बने पटाखे ज्यादा आवाज करते हैं। पटाखे चलाने का समय
दीवाली वाले दिन रात आठ से 10 बजे तक
गुरुपर्व पर सुबह चार से शाम पांच बजे तक और रात नौ से रात 10 बजे तक
क्रिसमिस पर 25-26 दिसंबर की रात 11:55 मिनट से रात साढ़े 12 बजे तक