पुलिस पर झूठी एफआइआर दर्ज करने का आरोप, साक्ष्य देने के बावजूद पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
तरनतारन रोड स्थित कोट माहना सिंह निवासी नरिदर सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके और परिवार के साथ हुई मारपीट के मामले में घटना ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : तरनतारन रोड स्थित कोट माहना सिंह निवासी नरिदर सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके और परिवार के साथ हुई मारपीट के मामले में घटना ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित बताया कि नौ नवंबर को उनके पड़ोस में रहने वाले रंजीत सिंह ने उनके परिवार के साथ झगड़ा किया था। नरिदर शर्मा सोमवार की दोपहर पुलिस कमिश्नर डा. सुखचैन सिंह गिल के समक्ष पेश होकर इंसाफ की गुहार लगाई है। उधर, सीपी ने बी डिवीजन थाना प्रभारी गुरविदर सिंह को जांच के आदेश दिए हैं।
नरिदर शर्मा ने बताया कि पुलिस के आला अफसरों की तरफ से रंजीत सिंह का असलहा लाइसेंस खारिज करने के आदेश हैं, लेकिन पुलिस ने आज तक बड़े अफसरों के आदेश का पालन नही किया। उन्होंने बताया कि रंजीत सिंह उनके साथ रंजिश रखता है और उनके मकान पर कब्जा करना चाहता है। नौ नवंबर को वह अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ घर से निकले थे। रंजीत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन पर हमला कर दिया। हवाई फायर भी किए। घटना के बाद उन्होंने बी डिवीजन पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य दिए थे। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा पुलिस ने उनके ( नरिदर शर्मा) और उनके बेटे साजन पर मारपीट के आरोप में केस दर्ज कर दिया। दूसरी तरफ रंजीत सिंह ने उक्त आरोपों को सिरे से नकारा है। उन्होंने बताया कि वह अपनी पिस्तौल बी डिवीजन थाने में जमा करवा चुके हैं। पुलिस ने तथ्यों के आधार पर नरिदर शर्मा के खिलाफ एफआइआर की है।