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सिविल अस्पताल में प्लेटलेट्स सेल निकालने वाली मशीन खराब, गंभीर मरीज रेफर किए जा रहे

कोरोना महामारी के बीच डेंगू मच्छर ने शासन प्रशासन को हिला दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:00 AM (IST)
सिविल अस्पताल में प्लेटलेट्स सेल निकालने वाली मशीन खराब, गंभीर मरीज रेफर किए जा रहे
सिविल अस्पताल में प्लेटलेट्स सेल निकालने वाली मशीन खराब, गंभीर मरीज रेफर किए जा रहे

नितिन धीमान, अमृतसर : कोरोना महामारी के बीच डेंगू मच्छर ने शासन प्रशासन को हिला दिया है। जिले में डेंगू संक्रमितों की संख्या 278 जा पहुंची है। राज्य में सबसे ज्यादा मरीज शहर में हैं। जब जिले में ऐसी स्थिति है तो सेहत विभाग की ढीली कारगुजारी पर सवाल उठते हैं। सिविल अस्पताल में एफ्रेसिस मशीन खराब पड़ी है और स्वास्थ्य विभाग सिर्फ डेंगू मरीजों का आधा अधूरा डाटा तैयार करने में जुटा है। विभाग के पास केवल उन्हीं मरीजों का डाटा है जो सरकारी अस्पतालों से टेस्ट करवा रहे हैं, जबकि निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या कहीं अधिक है। इसका डाटा विभाग के पास नहीं।

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दरअसल, सिविल अस्पताल में डेंगू पाजिटिव 12 मरीज उपचाराधीन हैं। वर्ष 2009 में इस अस्पताल में एफ्रेसिस मशीन इंस्टाल की गई थी। यह मशीन अपना समय पूरा कर चुकी है। इसके बावजूद हर साल अस्पताल प्रशासन इसी मशीन से डेंगू मरीजों के शरीर में प्लेट्लेट्स पहुंचाने की कोशिश करता है। जून में सिविल अस्पताल प्रशासन ने एफ्रेसिस मशीन को ऑन करने की कोशिश की। अस्पताल ने उस कंपनी के प्रतिनिधि को फोन किया जिसने मशीन इंस्टाल की थी। कंपनी के इंजीनियर आए ठीक कर गए, पर दो बार चलने के बाद फिर बंद हो गई। दूसरी बार फिर इसके कलपुर्जे दुरुस्त किए, लेकिन बात नहीं बनी। सितंबर में अब डेंगू ने जोर पकड़ा है और सिविल अस्पताल में मरीज दाखिल किए जाने लगे। अब अति गंभीर लक्षणों से पीड़ित डेंगू मरीजों को गुरुनानक देव अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।

मशीन बदलने के लिए लिखा: एसएमओ

अस्पताल के सीनियर मेडिकल आफिसर डा. चंद्रमोहन का कहना है कि हमने निजी कंपनी को लिखा है कि मशीन को ठीक करे। वैसे विभाग को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है कि यह मशीन बेहद पुरानी हो चुकी है, इसलिए इसे बदला जाए।

आधे प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मशीन बंद, परिवार का 15 हजार का नुकसान हुआ

निजी कंपनी से अस्पताल प्रशासन से एफ्रेसिस मशीन की एएमसी यानी एनुअल मेंटेनेंस चार्ज फिक्स किए थे। अब यह खत्म हो चुके। ऐसे में कंपनी ने इंजीनियर्स को भेजने से इन्कार कर दिया है। दो बार मशीन ठीक की गई। इस दौरान डेंगू पाजिटिव मरीजों को मशीन के जरिए प्लेटलेट चढ़ाने की कोशिश की गई। एक मरीज को अभी आधे प्लेट्लेट्स ही चढ़ाए गए थे कि अचानक मशीन आफ हो गई। इसका दुष्परिणाम यह निकला कि मरीज द्वारा खरीदी गई पंद्रह हजार रुपये की किट खराब हो गई और स्वजनों ने डाक्टरों को भला-बुरा कहा। फिर मरीज को गुरु नानक देव अस्पताल रेफर किया गया था। क्या है एफ्रेसिस मशीन

एफ्रेसिस मशीन उस स्थिति में काम आती है जब डेंगू मरीज को प्लेट्लेट्स चढ़ाने हों। सामान्यत: मरीज के रक्त में 20 हजार से कम प्लेट्लेट्स रह जाएं तब। पेशेंट को डोनर के जरिए प्लेट्लेट्स दिए जाते हैं। एफ्रेसिस मशीन सिर्फ डोनर के रक्त से प्लेट्लेट ही प्राप्त करती है। रक्तदाता को एक विशेष किट के माध्यम से इस मशीन से जोड़ा जाता है। किट में सिर्फ प्लेटलेट ही एकत्रित होते हैं। रक्त का बाकी हिस्सा पुन: डोनर के शरीर में ट्रांसमीशन हो जाता है।

13 नए डेंगू के मरीज मिले

बीते सोमवार तक डेंगू संक्रमितों की संख्या 254 थी। मंगलवार को 13 नए मरीज रिपोर्ट हुए हैं। ये मरीज ग्रीन एवेन्यू, बसंत एवेन्यू व सुल्तानविड रोड से ही मिले हैं। राज्य में सबसे ज्यादा मरीज अमृतसर में ही रिपोर्ट हुए हैं। निगम ने 12 वार्डो में दवा का छिड़काव शुरू किया

इधर, नगर निगम ने शहर के 12 वार्डो में मच्छर मार दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है। यहां सुबह व शाम मच्छर मार दवा का छिड़काव किया जा रहा है। निगम का दावा है कि शहर की सभी 85 वार्डो में फागिग स्प्रे शुरू करवाई जा रही है।


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