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27 महीने पहले कमिश्नर ने गिराए थे निर्माण, मिलीभगत से खड़ी हो गई बहुमंजिला इमारतें

एमटीपी विभाग की कारगुजारी से नाखुश मेयर-कमिश्नर ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन तो कर दिया है पर यह इसमें कितनी कामयाब होती है यह तो समय ही बताएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 11:56 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 11:56 PM (IST)
27 महीने पहले कमिश्नर ने गिराए थे निर्माण, मिलीभगत से खड़ी हो गई बहुमंजिला इमारतें
27 महीने पहले कमिश्नर ने गिराए थे निर्माण, मिलीभगत से खड़ी हो गई बहुमंजिला इमारतें

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : एमटीपी विभाग की कारगुजारी से नाखुश मेयर-कमिश्नर ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन तो कर दिया है, पर यह इसमें कितनी कामयाब होती है, यह तो समय ही बताएगा। आलम यह है कि 27 महीने पहले पूर्व कमिश्नर सोनाली गिरि ने खुद सड़क पर उतर 16 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की थी। सियासी दबाव और अधिकारियों के गठजोड़ से अब वहां बहुमंजिला निर्माण हो गए हैं और यह सबकुछ एमटीपी विभाग के अधिकारी देखते रहे। उधर, एस्टेट अधिकारी सुशांत भाटिया के नेतृत्व में गठित कमेटी ने विभिन्न क्षेत्रों का मुआयना करते हुए निर्माणों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है।

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20 अप्रैल 2018 को निगम कमिश्नर सोनाली गिरि ने 16 अवैध निर्माणों पर डिच चलानी शुरू की तो विभागीय अधिकारियों ने ही निर्माण करने वालों को बीच का रास्ता बता दिया। मौके पर सभी से लिखित में लिया गया कि 10 दिनों में गैर कानूनी निर्माण का हिस्सा खुद ही हटा लेंगे, लेकिन 27 महीने बाद आलम यह है कि कचहरी चौक, भंडारी पुल हाइड मार्केट, सिटी सेंटर पिगलावाला के पास, सिटी सेंटर मार्केट, दोसांदा सिंह रोड, अमृतसर एंट्री गेट, मजीठा रोड, मेडिकल एन्क्लेव सर्कुलर रोड लेफ्ट साइड, गोल्ड गेट के नजदीक व चमरंग रोड के निर्माणों पर कार्रवाई की थी। इससे पहले उन्होंने दरबार साहिब के आसपास बन रहे अवैध होटलों पर कार्रवाई की थी। इन सभी जगहों पर कॉमर्शियल निर्माण हो चुके हैं। कहीं होटल चल रहा है तो कहीं होटल शुरू करने की तैयारी चल रही है। दोषी पाए अधिकारी, कोई कार्रवाई नहीं

तीन जुलाई 2019 शहर से चल रहे अवैध निर्माणों में म्युनिसिपल टाउन प्लानिग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा करता रहा है। दो अहम मामलों आर्मी गन हाउस और होटल 49 के निर्माण को लेकर बने विवाद में ज्वाइंट कमिश्नर द्वारा दी गई रिपोर्ट में तत्कालीन एमटीपी इकबालप्रीत सिंह रंधावा, एटीपीज कृष्णा कुमार, परमिदरजीत सिंह, बिल्डिंग इंस्पेक्टर परमजीत सिंह, कुलविदर कौर को दोषी करार दिया गया था, पर इनमें से किसी पर भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले दिसंबर 2018 में भी निगम सदन में सभी पार्षदों ने अवैध निर्माणों पर एमटीपी विभाग के सभी अधिकारियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया था, जो ठंडे बस्ते में चला गया। आवेदनों ने खोली अवैध निर्माणों की पोल

वाल्ड सिटी में प्रतिबंध के बावजूद हुए अवैध निर्माणों से निगम का एमटीपी विभाग चाहे पल्ला झाड़ता रहा, पर अवैध निर्माणों की पोल खुद-ब-खुद खुल गई। वाल्ड सिटी रेगुलाइजेशन एक्ट 2019 के तहत मांगे गए आवेदनों से ही स्पष्ट हो गया है कि पिछले दो-तीन साल में किस कदर शहर में अवैध निर्माण हुए हैं।

2016 में सीनियर आइएएस अधिकारी राहुल तिवारी के नेतृत्व में बनी स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वाल्ड सिटी में 214 निर्माण है, पर अब जब रेगुलेशन के लिए आवेदन मांगे गए है तो 352 आवेदन एमटीपी विभाग के पास पहुंचे है। इससे साफ है कि पिछले दो सालों में 140 अवैध निर्माण हुए हैं। जवाब के इंतजार में डिप्टी मेयर के पत्र

अवैध निर्माणों पर एमटीपी विभाग की सब कमेटी के पूर्व चेयरमैन कम डिप्टी मेयर युनस कुमार के टारगेट पर भी मेयर-कमिश्नर और एमटीपी विभाग है। वह पिछले नौ महीनों से अवैध निर्माणों का मामला उठा रहे हैं, पर उनको न तो एमटीपी विभाग जवाब दे रहा है और न ही मेयर और कमिश्नर।

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तीन दिन से एमटीपी विभाग के सभी जोनों के अधिकारियों के साथ बैठक में कह दिया है कि अब अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं होंगे। लोग अवैध निर्माण की बजाए बकायदा नक्शा पास करवाकर निर्माण करें।

-कर्मजीत सिंह रिटू, मेयर।

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फेल साबित हुई मेयर की कार्यप्रणाली : सिक्का

विपक्षी दल नेत्री संध्या सिक्का ने कहा कि अवैध निर्माणों पर ड्रामेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। लंबे समय से अवैध निर्माणों को लेकर मेयर व एमटीपी विभाग की कार्यप्रणाली सवालों में रही है। अभी तक मेयर द्वारा किए गए सारे प्रयोग फेल साबित हुए हैं। अब नई कमेटी बनाई गई है, उससे भी उम्मीद कम ही है। मेयर के अपने एरिया के आसपास मजीठा रोड व बटाला रोड पर सरेआम निर्माण हो रहे है। आलू मंडी में बने होटल पहले ही सवालों में है और वाल्ट सिटी में प्रति लेंटर सेटिग किसी से छिपी हुई नहीं है।

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अवैध निर्माणों को लेकर पिछले दिनों मचा होहल्ला किसी से छिपा नहीं है। इसके लिए अधिकारी जितनी जिम्मेदार है, उतने लोग भी हैं। अब मेयर द्वारा एस्टेट अधिकारी को कार्रवाई के लिए लगाया है, परंतु इससे पहले एमटीपी, अस्टेट अधिकारी व सुपरिंटेंडेंटों को बिठाकर स्पष्ट किया जाना चाहिए कि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की यह कवायद की गई है।

—रमन बख्शी, सीनियर डिप्टी मेयर।


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