रिकवरी में निगम की फौज फिसड्डी, सिर्फ 50 फीसद टारगेट हुआ
करीब 50 फीसद प्रापर्टी टैक्स रिकवरी के साथ नगर निगम फिसड्डी रहा है। 31 मार्च को 20 दिन शेष हैं बावजूद इसके 35 करोड़ के टारगेट को पाना तो दूर इसका 50 फीसद ही विभाग पूरा कर पाया है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
पंजाब विधानसभा में वित्त आयोग की पेश की गई रिपोर्ट में करीब 50 फीसद प्रापर्टी टैक्स रिकवरी के साथ नगर निगम फिसड्डी रहा है। 31 मार्च को 20 दिन शेष हैं, बावजूद इसके 35 करोड़ के टारगेट को पाना तो दूर, इसका 50 फीसद ही विभाग पूरा कर पाया है। इसे पूरा करना निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। अभी तक अपने लावलश्कर के साथ विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मात्र 18.2 करोड़ रुपये की ही रिकवरी कर पाए हैं।
बता दें कि 31 दिसंबर के बाद 10 फीसद जुर्माना के साथ 31 मार्च तक टैक्स जमा होना है। टैक्स रिकवरी को गति देने के लिए सीलिग की कार्रवाई भी शुरू की गई, पर विभागीय अधिकारियों की ढील की वजह से एक-दो जोन को छोड़कर इसका ओर कहीं असर दिखाई नहीं दिया। प्रापर्टी टैक्स विभाग में निगम की सबसे बड़ी अधिकारियों व कर्मचारियों की फौज तैनात है। विभाग में दस सुपरिंटेंडेंट, आठ इंस्पेक्टर, 125 के लगभग रिकवरी क्लर्क, बेलदार और ट्यूबवेल आपरेटर रिकवरी के लिए तैनात हैं, पर विभाग अभी टारगेट से कोसों दूर हैं। हाउस टैक्स के आसपास भी नहीं पहुंचे
2012-13 में जब हाउस टैक्स की जगह प्रापर्टी टैक्स विभाग बना तो 23 करोड़ की अंतिम रिकवरी हुई थी। तब हाउस टैक्स कामर्शियल संस्थानों पर लगता था और यह संस्थान 32 हजार थे। सरकार द्वारा प्रापर्टी टैक्स लगाए जाने के बाद मेप माइ इंडिया के सर्वे के मुताबिक शहर में एक लाख 90 हजार टैक्सदाता हैं। शुरुआती दौर में तो प्रापर्टी टैक्स से पचास करोड़ की सालाना रिकवरी के हुंकार भरी जाती थी, पर समय-समय पर गिरा गया टारगेट 35 करोड़ पर जा पहुंचा। रिकवरी में किसी समय टाप पर रहे विभाग में आई गिरावट से अधिकारियों के माथे पर भी शिकन है। कम टैक्स भरने वाले टारगेट पर
प्रापर्टी टैक्स विभाग के टारगेट पर वह कामर्शियल अदारे हैं, जिन्होंने टैक्स कम भरा है। सिविल लाइन से जुड़े इन कामर्शियल संस्थानों को नोटिस भी भेजे गए हैं और अधिकारी इन संस्थान द्वारा दिए जा रहे टैक्स की स्क्रूटनी भी कर रहें हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि किन संस्थानों ने कम टैक्स भरा है। स्क्रूटनी में अगर किसी ने कम टैक्स भरा हुआ तो उससे जुर्माना सहित टैक्स वसूला जाएगा। इसके अलावा कामर्शियल संस्थानों की रेंट डीड खंगलाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। किसको कितना लगेगा जुर्माना
पेडिग साल : जुर्माना
-2013-14 : 146 प्रतिशत
-2014-15 : 128 प्रतिशत
-साल 2015-16 : 110 प्रतिशत
-साल 2016-17 : 92 प्रतिशत
-साल 2017-18 : 74 प्रतिशत
-साल 2018-19 : 56 प्रतिशत
-साल 2019-20 : 38 प्रतिशत
-2020-2021 : 10 प्रतिशत सेल्फ असेसेमेंट के अलावा बड़े डिफाल्टर टारगेट पर : रिषी
एडिशनल कमिश्नर संदीप रिषी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को सालाना टारगेट पूरे करने के लिए बड़े डिफाल्टरों की सीलिग करने को कहा गया है। वहीं बड़े संस्थानों द्वारा दी गई सेल्फ असेसमेंट को भी चेक करने के निर्देश दिए हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या वह अपना बनता टैक्स दे रहे हैं या नहीं। पिछले साल 25.60 करोड़ की रिकवरी हुई थी, इस बार भी इससे कम रिकवरी स्वीकार नहीं है। अधिकारियों को आने वाले दिनों में रिकवरी को लेकर हरसंभव प्रयास करने को कहा गया है।