स्पेशल मंजूरी के बाद खुले अटारी-वाघा के गेट, पाकिस्तान से लौटे 114 भारतीय, 82 पाक नागरिक भी गए
कोरोना संकटकाल के दौरान लगाए गए लाकडाउन में पाकिस्तान में फंसे 114 भारतीय नागरिक वाघा-अटारी सीमा के रास्ते वतन लौटे।
जेएनएन, अमृतसर। लॉकडाउन के चलते पाकिस्तान में फंसे 114 भारतीय नागरिक वीरवार को वाघा-अटारी सीमा के रास्ते वतन लौटे। दूसरी ओर भारत के अलग-अलग शहरों में फंसे 82 पाकिस्तानी नागरिक भी स्पेशल मंजूरी के बाद अटारी सीमा के रास्ते जीरो लाइन पार कर वाघा लौटे।
कोरोना संकटकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा अटारी-वाघा जीरो पर अपने गेटों को यात्रियों के लिए बंद कर दिया था। पिछले माह 748 नागरिकों को वाघा के रास्ते भारत आने की पाकिस्तान सरकार ने स्पेशल मंजूरी दी थी। 25 जून 2020 को 204, 26 जून को 217 और 27 जून को 208 भारतीय नागरिक वाघा के रास्ते भारत पहुंचे थे। किन्हीं कारणों से 119 लोग नहीं लौट पाए। अब पाकिस्तान सरकार ने उनमें से 114 नागरिकों को वाघा के रास्ते भारत में आने की इजाजत दी थी।
भारत सरकार की स्पेशल मंजूरी के बाद पाकिस्तान के 82 नागरिक भी अटारी के रास्ते वापस वतन लौटे। सभी यात्रियों की अटारी पर मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। पाकिस्तान से लौटने वाली एक महिला की तबियत ठीक नहीं होने पर उसके लिए एंबुलेंस मंगवानी पड़ी।
एसडीएम-2 डॉ. शिवराज सिंह बल ने बताया कि इनमें जम्मू के 34, दिल्ली के 13, उत्तर प्रदेश के 12 तथा राजस्थान के 16 नागरिक शामिल हैं। पंजाब के 12, गुजरात के 10, महाराष्ट्र के छह, तेलंगाना के दो, छत्तीसगढ़ के तीन, पश्चिम बंगाल के दो, हरियाणा के एक, मध्य प्रदेश के एक, कर्नाटक के एक, बिहार के एक और उत्तराखंड के एक नागरिक को अमृतसर में ही सात दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। पांचवेें दिन फिर से टेस्ट लिया जाएगा और नेगेटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें अगले सात दिनों के लिए अपने घरों में ही क्वारंटाइन रहना होगा।
बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा पाक नागरिक का शव
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने वीरवार को अटारी सीमा पर पाक नागरिक का शव पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा। अमृतसर सेंट्रल जेल में बंद इस पाक नागरिक की 29 जून 2020 को मौत हो गई थी। जेल सुपरिंटेंडेंट अर्शदीप सिंह गिल ने बताया कि पाक नागरिक खादिम साल 2018 में गैर कानूनी तौर पर सीमा पार करने के आरोप में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पिछले लंबे समय से अंडर ट्रायल यह कैदी टीबी से ग्रस्त था।