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Bihar Lok Sabha Election Phase 7: पटना साहिब में हैट्रिक लगाएंगे शॉटगन या होगा रविशंकर का डेब्यू?

Lok Sabha Election Phase 7 बिहार के पटना साहिब सीट पर कांटे का मुकाबला है। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा व रविशंकर प्रसाद की इस टक्‍कर में दोनों प्रमुख गठबंधनों की प्रतिष्‍ठा भी दांव पर है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:07 PM (IST)
Bihar Lok Sabha Election Phase 7: पटना साहिब में हैट्रिक लगाएंगे शॉटगन या होगा रविशंकर का  डेब्यू?
Bihar Lok Sabha Election Phase 7: पटना साहिब में हैट्रिक लगाएंगे शॉटगन या होगा रविशंकर का डेब्यू?
पटना [अमित आलोक]। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में बिहार के पटना साहिब में दिलचस्प मुकाबला है। गत दो चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर विजयी रहे शत्रुघ्न सिन्हा इस बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं। दूसरी ओर भाजपा से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ताल ठोक रहे हैं। रविशंकर प्रसाद राज्यसभा के सदस्य  है। अगर वे जीतते हैं तो लोकसभा में उनकी पहली एंट्री होगी।
पटना साहिब सीट पर पूरे देश की नजर
बिहार के पटना साहिब सीट पर इस बार पूरे देश की नजर है। इस हाई प्रोफाइल सीट पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद तथा हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्‍वाइन करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा आमने-सामने हैं। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा पटना साहिब सीट पर दो चुनाव से विजयी होते आए हैं। जबकि, रविशंकर प्रसाद अभी तक राज्‍यसभा सांसद बनते रहे हैं। दोनों नेताओं की यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
अमित शाह व राहुल गांधी ने किए रोड शो
पटना साहिब सीट के महत्‍व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के बड़े आलोचक रहे शत्रुघ्‍न सिन्‍हा का मुकाबला मोदी कैबिनेट के कद्दावर मंत्रियों में से एक रविशंकर प्रसाद से है। रविशंकर प्रसाद के लिए भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने रोड शो किया तो शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के लिए रोड शो करने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी आए।
निर्णायक हैसियत में कायस्‍थ वोटर
पटना साहिब  के पांच विधानसभा क्षेत्रों (दीघा, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा और बख्तियारपुर) में करीब 20.51 लाख मतदाता हैं। जातिगत समीकरणों की बात करें तो पटना साहिब क्षेत्र में करीब पांच लाख कायस्थ वोटर निर्णायक हैसियत रखते हैं। रविशंकर प्रसाद व शत्रुघ्‍न सिन्‍हा, दोनों कायस्‍थ जाति से हैं। ऐसे में दोनों ओर से कायस्‍थ वोटों की गोलबंदी की कोशिश अंतिम समय तक जारी रही।
हालांकि, भाजपा खेमे में भितरघात की आशंका भी व्‍यक्‍त की जाती रही। पटना साहिब सीट पर भाजपा के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा या उनके बेटे ऋतुराज सिन्हा को टिकट नहीं मिलने से एक तबका नाराज बताया गया। इससे रविशंकर प्रसाद की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं।
एकमत नहीं कायस्‍थ महासभा के प्रमुख नेता
दिलचस्‍प तथ्‍य यह भी है कि कायस्‍थों के प्रमुख संगठन 'अखिल भारतीय कायस्थ महासभा' में भी प्रत्‍याशियों को लेकर अलग-अलग राय रही। संगठन के एक धड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा के पक्ष में रहे तो राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जनता दल यूनाइटेड (जदयू) जदयू के नेता राजीव रंजन प्रसाद भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद का समर्थन कर रहे थे। बकौल राजीव रंजन प्रसाद, वे जदयू कार्यकर्ता की हैसियत से भाजपा उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे।
कायस्थ महासभा का एक और गुट रविनंदन सहाय को राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा सांसद आरके सिन्हा को अंतरराष्‍ट्रीय प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बताता है। रविनंदन सहाय की कांग्रेस की पृष्‍ठभूमि से आते हैं तो आरके सिन्हा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। रविनंदन सहाय गुट ने प्रत्‍याशियों के नाम की घोषणा के पहले आरके सिन्हा को प्रत्याशी बनाने की मांग रखी थी। उनकी इस मांग का विरोध सुबोध कांत सहाय के गुट ने किया था।
प्रत्याशियों को ले बंटा है कायस्थ समाज
पटना साहिब क्षेत्र के निवासी बैंक अधिकारी राजीव श्रीवास्‍तव कहते हैं कि कायस्‍थ बौद्धिक समाज है। इसमें शिक्षित लोगों की प्रमुखता है। कायस्‍थ कोई जातिगत वोट बैंक नहीं हैं। डॉ. सुभद्रा कहतीं हैं कि जातिगत आग्रह से इनकार नहीं, लेकिन कायस्‍थ समाज अपने-अपने मुद्दों के आधार पर वोट करता है।
परंपरागत कैडर वोटों पर नजर
व्‍यवसायी जीतेंद्र प्रसाद होे या मेडिकल छात्रा अनन्‍या सिन्‍हा, jagran.com से बातचीत में पटना साहिब के आम कायस्‍थ मतदाता किसी एक तरफ गोलबेंद नहीं दिखे। स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍याशियों काे लेकर कायस्‍थ समाज एकमत नहीं दिखा। ऐसे में मामला राजग व महागठबंधन के परंपरागत कैडर वोटों पर जा टिका नजर आया।
दोनों प्रत्‍याशियों में कांटे की टक्‍कर
भाजपा के गढ़ रहे इस क्षेत्र में रविशंकर प्रसाद भाजपा के परंपरागत वोटों के आधार पर मजबूत माने जा सकते हैं। लेकिन पटना साहिब से दो बार सांसद रहे शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की स्‍टार छवि है। दलगत आधार से हटकर उनकी अपनी लोकप्रियता भी है। ऐसे में लड़ाई कांटे की है। 

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