कांग्रेस जहां पहले दांव खेल चुकी, अब वहां जोगी लगाएंगे जोर
बस्तर में भाजपा और कांग्रेस अपनी सीट बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक यहां के इलाकों का दौरा कर चुके हैं।
नईदुनिया (रायपुर)। छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। बड़ी पार्टियां तो अपनी तैयारी में लगी ही हैं, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी अपना कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया है। उनकी नजर बस्तर जैसे इलाकों पर है जहां कांग्रेस पहले ही दांव खेल चुकी है।
बस्तर क्षेत्र पर होगा घमासान
आदिवासी क्षेत्र बस्तर पर न केवल भाजपा और कांग्रेस, बल्कि प्रदेश के तीसरे-चौथे दलों की भी नजर है। संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से आठ में कांग्रेस और चार में भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस के आठ में से पांच विधायक ऐसे हैं, जो पहले जोगी के खास रहे हैं। जोगी इन्हें प्रभावित न कर सकें, इसलिए कांग्रेस ने पहले ही इन विधायकों का कद बढ़ाने का काम किया है। इसके बाद भी जोगी बस्तर में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे।
राजनीतिक समीकरण सही करने को जोगी का बस्तर दौरा
छह से नौ फरवरी तक जोगी बस्तर संभाग के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे, ताकि राजनीतिक समीकरण को खुद समझ सकें। इसके बाद आगे कोई फैसला लेंगे। बस्तर में भाजपा और कांग्रेस अपनी सीट बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक यहां के इलाकों का दौरा कर चुके हैं। इनके बाद भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री सौदान सिंह ने पूरी 12 सीटों की समीक्षा की है। कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर कब्जा करने के लिए भाजपा लगातार रणनीति बना रही है। ऐसे ही कांग्रेस ने अपनी पूरी आठ सीट को बचाने और भाजपा की एक-दो सीट को हथियाने की कोशिश में लगी है।
दांव खेलने को तैयार जोगी
पूर्व में जोगी के कट्टर समर्थक रह चुके विधायकों की चिंता कांग्रेस को ज्यादा है। हाईकमान ने रणनीति के तहत भानुप्रतापपुर के विधायक मनोज मंडावी को अनुसूचित जनजाति विभाग का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया। इसी तरह जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को उपनेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया और पहले जोगी के ही सबसे कट्टर समर्थक कहे जाने वाले कोंटा विधायक कवासी लखमा को उपनेता प्रतिपक्ष बना दिया। इन विधायकों को बड़े पद देकर कांग्रेस ने भितरघात की आशंका को खत्म करने की कोशिश की है। इसके बाद भी जोगी अपना दांव खेलने की तैयारी में हैं।
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