यूपी के 58वें डीजीपी बने हितेश चंद्र अवस्थी के निशाने पर अपराधी, जानिये क्या है उनकी रणनीति...
बुनियादी पुलिसिंग के अपने एजेंडे पर कदम बढ़ा रहे हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि अपराधियों के साथ कोई मुरव्वत नहीं होगी।
लखनऊ, जेएनएन। संघ लोकसेवा आयोग की मंजूरी मिलने पर 33 दिनों के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त हुए हितेश चंद्र अवस्थी अब खुलकर अपनी पारी खेल सकेंगे। यूपी के 58वें डीजीपी बने हितेश चंद्र अवस्थी का कार्यकाल जून 2021 तक है। बुनियादी पुलिसिंग के अपने एजेंडे पर कदम बढ़ा रहे हितेश चंद्र अवस्थी ने कई मुद्दों पर दैनिक जागरण से बात की। उन्होंने कहा कि अपराधियों के साथ कोई मुरव्वत नहीं होगी। उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कड़े कदम उठाए जाएंगे।
थाने से लेकर अधिकारियों के दरवाजे तक फरियादियों की सुनवाई में हीलाहवाली के सवाल पर हितेश चंद्र अवस्थी कहते हैं कि पीडि़तों से दुर्व्यवहार और उनकी शिकायत नहीं सुने जाने की शिकायत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जन सुनवाई को लेकर मानीटरिंग कराई जा रही है। जिन जिलों से पीड़ितों की सुनवाई न होने की अधिक शिकायतें होंगी, वहां के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास के सवाल पर वह कहते हैं कि बीट प्रणाली इसका अहम कदम है। यही वजह है कि इस प्रणाली को मजबूत बनाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। मेरी प्राथमिकता होगी कि पुलिस का व्यवहार जैसा है, उससे और अच्छा हो।
सीबीआइ का लंबा अनुभव रखने वाले हितेश चंद्र अवस्थी बढ़ते आर्थिक अपराधों के सवाल पर कहते हैं कि उनका पूरा ध्यान रहेगा कि पुलिस अधिकारियों को ऐेसे मामलों की बेहतर जांच के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों से लगातार प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्हें सीबीआइ से भी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश व यातायात व्यवस्था को बेहतर करने पर भी खास ध्यान रहेगा। पदभार संभालने के बाद हर बुधवार दो जोन की समीक्षा बैठक की जा रही है, जिसमें सिर्फ अपराध पर चर्चा की जाती है।
ये भी होंगी प्राथमिकताएं
- पुलिस प्रशिक्षण में और सुधार
- साइबर अपराधों पर नियंत्रण व उनकी प्रभावी विवेचना
- स्मार्ट पुलिसिंग को बढ़ावा